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एमआरडी को सिम्स प्रबंधन चलाए, डीएमई के आदेश पर सिम्स प्रबंधन ने कर्मचारियों और कम्प्यूटर की कमी का दिया हवाला

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। डीएमई का आदेश एमआरडी को सिम्स प्रबंधन चलाए। प्रबंधन ने पत्र लिखकर कर्मचारियों की कमी और कम्प्यूटर सिस्टम की कमी का हवाला दिया। ज्ञात हो कि बीजेपी शासन कार्यकाल के दौरान क्षेत्र विधायक एवं मंत्री अपने चहेतों को ठेका इत्यादि शासकीय काम दिया था सरकार बदलते ही चहेतों के रंग फीके पड़ गए है क्योंकि टेंडर अवधि समाप्त होने के बाद दुबारा ठेका नहीं जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई ।
सिम्स अस्पताल के एमआरडी का ठेका वित्तीय वर्ष पूर्व नगर निगम एल्डरमेन जो पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के चहेतों में शामिल मकबूल अहमद को रह माह 1 लाख 60 रुपय में दिया गया था। जिसके टेंडर की समय अवधि समाप्त हो चुकी है। ठेकेदार की मनमानी को देखते हुए डीएमई ने सिम्स प्रबंधन को आदेश जारी कर अपने अधीन एमआरडी संचालित करने के कहा था किन्तु प्रबंधन ने आदेशा का जवाबी पत्र भेज सिम्स अस्पताल में कर्मचारियों की कमी तथा पूर्व में एमआरडी में रखे गए कम्प्यूटर सिस्टम अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के अलग कार्यालयों में रख कर काम लिया जा रहा है कई कम्प्यूटर सिस्टम खराब हो चुके है, इसके लिए पूरा सेटब डालना पड़ेगा। इससे साफ पता चलता है कि शासन ठेका समाप्त करना चाहते हैं लेकिन प्रबंधन शायद इसके लिए राजी नही है। आगामी आदेश के आने तक ठेकेदार की एमआरडी का संचालन करेंगे।
आदेश तक ठेकेदार ही चलाएंगे
सिम्स एमआरडी एमआरडी चालने के लिए स्वास्थ्य मुख्यालय प्रपोजल बना कर भेज दिता गया है, दरअसल सिम्स में कर्मचारियों की बेहद कमी है। डीएमई के आदेश का पत्र के माध्यम से जवाब दे दिया गया है। जब तक आदेश नहीं आ जाता तब तक ठेकेदार के अंडर में ही एमआरडी रहेगा।
डॉ. पुनीत भारद्वाज, सिम्स अधीक्षक

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