बिलासपुर। जिले का दूरस्थ वनांचल ग्राम ठाड़पथरा सौर ऊर्जा से रोशन हो रहा है। क्रेडा के माध्यम से यहां की सड़क और ग्रामीणों के घरों तक बिजली पहुंचार्इ गयी है। जिले के विकासखण्ड गौरेला अंतर्गत यह दूरस्थ वनांचल ग्राम है। पूर्व में इस ग्राम में पारम्परिक विद्युत व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अंधेरा होने पर जंगली जानवरों, सांप-बिच्छू, आदि से हमेशा भय बना रहता था। गांवों में बिजली नहीं होने के कारण दूरसंचार के साधन भी नहीं थे। टी.वी. एवं अन्य संचार माध्यम नहीं होने से शासन द्वारा संचालित विकास योजनाओं की जानकारी ग्रामीण को नहीं मिल पाती थी। इसके साथ ही अतिरिक्त विद्यार्थियों को पढ़ार्इ-लिखार्इ में असुविधा हो रही थी।
वर्तमान में इस ग्राम को क्रेडा द्वारा कुल 88 किलोवाट क्षमता के 10 नग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर विद्युतीकरण किया गया है, उक्त स्थापित संयंत्रों से घरेलू कनेक्शन तथा स्ट्रीट लार्इट के माध्यम से पथ-प्रकाश व्यवस्था की गर्इ है। ग्राम में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होने से विद्यार्थियों को सायं काल में सूर्यास्त के पश्चात अध्ययन करने में सुविधा हो रही है। वनांचल ग्राम में होने के कारण यहां अंधेरा होने पर जंगली जानवरों से भय होता था जो कि प्रकाश होने से नहीं है। पहले बिजली नहीं होने के कारण दिन भर कृषि कार्य कर कृषक अथवा अन्य कार्य करने वाले ग्रामीणों को सूर्यास्त होते ही अपने-अपने घरों में रहना पड़ता था और वे सामाजिक गतिविधियों से दूर रहते थे। सौर विद्युतीकरण होने के पश्चात् गांव में शाम के समय ग्रामीण चौपाल में चर्चा करते हैं, जिससे ग्राम में सामाजिक सौहार्द्रता में बढ़ोत्तरी हुर्इ है। अब ग्रामवासी टी.वी., मोबार्इल व संचार के अन्य आधुनिक उपकरणों का आसानी से उपयोग करके देश-विदेश व क्षेत्रांतर्गत चल रही विभिन्न गतिविधियों से अद्यतन रहते हैं। जिससे कि इनकी सामाजिक स्थिति सुदृढ़ हुर्इ है।