motor bike ambulance: गर्भवती माताओं के लिए बाइक एम्बुलेंस हो रही वरदान साबित
नारायणपुर । motor bike ambulance: नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले का एक बड़ा हिस्सा विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आज भी मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ पाया है। अबूझमाड़ वह क्षेत्र है, जहां वनांचल और नदी-नाले बहुत हैं।
यही कारण है कि लोगों को शासन की मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। स्वास्थ्य सेवाओं की सरलता से उपलब्धता को ध्यान में रखकर बाइक एम्बुलेंस का प्रयोग किया गया।
जिले में शुरूआती दौर में पहले दो बाइक एम्बुलेंस (motor bike ambulance) अंदरूनी ईलाकों के छोटे नदी-नालों, पगडंडियों, उबड़-खाबड़ रास्तों में दौड़ायी गयी, जो सफल हुई। इसकी सफलता को देखकर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए मोटर बाईक एम्बुलेंस की सेवाओं का विस्तार किया है।
इस वर्ष खनिज न्यास निधि से 4 नई मोटर बाईक एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग को दी है। जिससे अंदरूनी क्षेत्र के मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्रों तक लाने-ले-जाने में सुविधा होगी। विषेष पिछड़ी जनजाति माड़िया बाहुल्य ओरछा विकासखण्ड के सुदूर और दुर्गम वनांचल में रहने वाले बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए बाईक एम्बुलेंस वरदान साबित हो रही है।
प्रसव पीड़ा गर्भवती महिलाओं (motor bike ambulance) के लिए कठिन समय होता है और यह उनके जीवन-मरण का काल बन सकता है। अंदरूनी ईलाके के ऐसे गांव जहां बड़ी एम्बुलेंस न पहुंच पाये या सड़क मार्ग न हो उन जगहों की महिलाओं को प्रसव काल में मुसीबत से उबारा जा सके, इसके लिए जिले में बाइक एम्बुलेंस का सहारा लिया जा रहा है।
यह प्रसव काल (motor bike ambulance) में महिलाओं के लिए वरदान से कम नहीं है। बता दें कि बाईक एम्बुलेंस की सेवाएं मिलने से अब तक 666 मरीजों को इस सुविधा का सीधा लाभ मिला है। बाईक एम्बुलेंस के माध्यम से वनांचल क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए स्वास्थ्य केन्द्र तक लाया जाता है तथा शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर पहुंचाया भी जाता है।
इसके साथ ही गर्भवती माताओं को नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों का टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी बाईक एम्बुलेंस का उपयोग किया जाता हैं। बाईक एम्बुलेंस के आने से षिषु एवं मातृ मृत्युदर में भी कमी आई है।