बीजापुर/नवप्रदेश। बीजपुर (bijapur) में एक मामले में कोरोना अच्छा साबित हुआ है। इसके चलते एक महिला नक्सली (woman naxal) का हृदय परिवर्तित हो गया। उसने पुलिस के समक्ष समर्पण (surrender) कर दिया।
दरअसल बीजापुर (bijapur) में महिला नक्सली (woman naxal) सुमित्रा चेपा पिता सिन्ना चेपा की स्वास्थ्य जांच में उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव (corona positive) आई थी। क्वारंटाइन में इलाज के दौरान उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। और इसी अवधि में पुलिस का सेवा भाव देखकर उसका हृदय परिवर्तित हो गया। और उसने सरेंडर (surrender) कर दिया।
बटालियन के कंपनी नंबर 1 के प्लाटून नंबर 3 की सेक्शन सदस्या सुमित्रा को 17 जून को बीजापुर (bijapur) के थाना मोदकपाल क्षेत्रान्तर्गत पुलिस एवं 170वीं वाहिनी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को ग्राम पेद्दाकवाली में संदेही परिस्थिति में पाया था। जिसके बाद उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव (corona positive) आने पर उसे क्वारंटाइन में रखा गया था।
इस दौरान हुए इलाज से दोबारा कोरोना परीक्षण में सुमित्रा चेपा की रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन टीबी बीमारी का टेस्ट कराने पर टीबी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अब उसका इलाज जिला अस्पताल बीजापुर (bijapur) में कराया जा रहा है। क्वारंटाइन अवधि पूर्ण होने पर उससे पूछताछ की गई। महिला नक्सली को समर्पण करने पर आईजी बस्तर रेंज पी. सुंदरराज ने 10 हजार रु. की नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की।
सुमित्रा ने ऐसे किया पुलिस का बखान
सुमित्रा ने कहा, ‘क्वारंटाइन अवधि के दौरान जिस ढंग से मेरी देख रेख एवं इलाज बीजापुर (bijapur) पुलिस विभाग द्वारा किया गया, उससे मेरे हृदय में पुलिस के प्रति धारणा बदल गई और इस दो सप्ताह की अवधि में विभिन्न सामाचार माध्यम एवं टेलिविजन आदि देखने पर मुझे अहसास हुआ की नक्सली जनता को भ्रमित कर क्षेत्र के विकास में बाधा बन रहें हैं। अब मैं उसका हिस्सा नहीं बनना चाहती और समर्पण कर दिया।
पूछताछ में ये बताया समर्पित नक्सली ने
पुछताछ में सुमित्रा ने उसने बताया कि वर्ष 2015 से लगातार तबियत खराब होने के बावजूद वह नक्सल बटालियन के कम्पनी नम्बर 1 के सदस्या के रूप में सक्रिय रही। उसका पति हुंगा मड़काम (36) निवासी दरभा थाना जगरगुुड़ा जिला सुकमा भी बटालियन के कंपनी नम्बर 01 में सेक्शन डिप्टी कमांडर के पद पर सक्रिय है। बार-बार सर्दी, खांसी व बुखार की शिकायत होने पर उसे बटालियन इंचार्ज हिड़मा द्वारा संगठन में अपने साथ रखना उचित नहीं समझकर 12 जून 2020 को 4 नक्सलियों के साथ ग्राम पेद्दाकोवाली के घर भेज दिया। उसे घर में रहकर इलाज करवाने के बाद तबियत ठीक होने पर संगठन में आने के लिए कहा गया था।
2004 में हुई नक्सल संगठन में भर्ती
वर्ष 2004 में मद्देड़ एलओएस कमाण्डर नागेश के द्वारा गांव में क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन के सदस्या के रूप में भर्ती किया गया। एवं 2004 से 2010 तक इसी पद पर कार्य किया। जनवरी 2009 में थाना कोतवाली बीजापुर के अपराध क्रमांक 04/09 धारा 147, 148, 149, 307, 341, 427 भादवि0 एवं 25, 27 आम्र्स एक्ट में गिरफ्तार हुई। बाद में जमानत पर छुट गई थी। दिसम्बर 2010 में मद्देड़ एलओएस कमाण्डर योगेश उर्फ हरिराम तथा नागेश के द्वारा मद़देड़ एलओएस (लोकल आर्गनाईजेशन स्क्वाड) में भर्ती किया गया। वर्ष 2011 में गंगालूर एरिया कमेटी में एरिया कमेटी सदस्या के रूप में लच्छी पोटाम के साथ 06 माह पीएलजीए सदस्या के रूप में काम किया। जुन 2011 से जून 2020 तक नक्सल बटालियन के कम्पनी नम्बर 01 के प्लाटून नम्बर 03 में सदस्या के रूप में सक्रि रही।
इन वारदातों में रही शामिल
मार्च-अपै्रल 2012 में किरंदूल (दन्तेवाड़ा) में पुलिस वाहन पर फायरिंग की, इस घटना में 06 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। 6 हथियार लुटे थे। वर्ष 2014 में ग्राम कसालपाड़ (सुकमा) में गस्त कर रही पुलिस पार्टी पर फायरिंग में शामिल रही, जिसमें 15 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। 10 हथियार लुटे थे। वर्ष 2015 में ग्राम पीड़मेल (सुकमा) के जंगल के पास गस्त कर रही वापस जा रही पुलिस पार्टी पर फायरिंग, इस घटना में 3 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। 2 हथियार लुटे थे।