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Bijapur Encounter : बीजापुर में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता: मुठभेड़ में तीन माओवादी ढेर, हथियारों का जखीरा बरामद

Bijapur Encounter

Bijapur Encounter

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच बुधवार सुबह हुई मुठभेड़ (Bijapur Encounter) में तीन माओवादी मारे गए हैं। यह मुठभेड़ अन्नारम और मर्रीमल्ला के घने जंगलों में हुई, जहां मद्देड एरिया कमेटी के सक्रिय माओवादी बड़ी संख्या में छिपे होने की सूचना मिली थी। पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके को चारों ओर से घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान सुबह करीब 6 बजे जंगल के भीतर माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाल लिया। करीब एक घंटे तक चली इस भीषण मुठभेड़ में तीन माओवादी ढेर हो गए।

(Bijapur Encounter) घने जंगलों में चला ऑपरेशन, हथियार बरामद

मुठभेड़ स्थल से एके-47 राइफल, भरमार बंदूकें, विस्फोटक और नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। सर्चिंग टीम को इलाके में खून के निशान और भागते माओवादियों के सामान भी मिले हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कई माओवादी घायल हुए हैं। बीजापुर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया,

सुरक्षा बलों की कई टीमें संयुक्त रूप से सर्च अभियान चला रही थीं। माओवादियों के छिपे होने की पुख्ता जानकारी मिलने पर घेराबंदी की गई। मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए हैं। अभियान अभी जारी है और इलाके में तलाशी ली जा रही है।

मद्देड एरिया कमेटी पर पड़ा बड़ा झटका

अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए माओवादी मद्देड एरिया कमेटी से जुड़े बताए जा रहे हैं। यह कमेटी लंबे समय से बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती इलाकों में नक्सली गतिविधियों में सक्रिय थी। पुलिस का कहना है कि इनकी मौत से इस इलाके में सक्रिय माओवादियों की कमर टूटेगी।

ऑपरेशन जारी, संख्या बढ़ने की संभावना

मुठभेड़ के बाद पुलिस और सीआरपीएफ की सर्चिंग टीम इलाके में मौजूद है। आसपास के जंगलों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, भागने की कोशिश में कई माओवादी घायल हुए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि अभियान समाप्त होने तक बरामदगी और हताहतों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।

लगातार बढ़ रहा सुरक्षा बलों का दबदबा

बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में इन दिनों नक्सल विरोधी ऑपरेशन तेज किया गया है। पिछले दो महीनों में ही सुरक्षा बलों ने कई माओवादी कैडरों को मार गिराया या गिरफ्तार किया है। हाल की इस कार्रवाई को माओवादियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है।

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