नवप्रदेश संवाददाता
बीजापुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश पूरा का पूरा खुले में शौच मुक्त प्रदेश घोषित किया गया लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है मामला बीजापुर जिले की भैरमगढ़ विकासखंड का ग्राम पंचायत मिरतुर का है जहां शौचालय निर्माण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया गया है।
शौचालय का केवल दीवार तैयार कर छोड़ दिया गया और शौचालय में ना दरवाजा लगा हुआ है और न छत लगाया गया है शौचालय निर्माण करने की जो सामग्री लगनी चाहिए वहां कुछ भी नहीं है शौचालय के गड्ढे भी खोदे गए हैं लेकिन उन गड्ढों का निर्माण भी अधूरा पड़ा है गांव के महिलाओं की मानें तो सचिव सरपंच ने शौचालय बनाने का जिम्मा लिया था और उसे अधर में लटका कर छोड़ दिया जिससे महिलाएं शौच के लिए जंगल जाने को मजबूर है वे अपनी सम्मान बचाने के लिए स्वयं की पहनी हुई साड़ी को नहाने हेतु कमरा बना कर उपयोग कर रही हैं उन्होंने कहा कि सचिव की लापरवाही की खामियाजा हम लोग भुगत रहे हैं 2 वर्ष हो चुके हैं लेकिन शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए जब भी कहा जाता है तो शासन से शौचालय की राशि नहीं आने की बात कहकर गुमराह किया जा रहा है।