Bijapur : दवाई विक्रेता पर 7 परिवारों ने लगाया जमीन हड़पने का आरोप |

Bijapur : दवाई विक्रेता पर 7 परिवारों ने लगाया जमीन हड़पने का आरोप

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Bijapur Land grab charge

राजेश झाड़ी

-जमीन की हेरा फेरी कर दवाई विक्रेता के द्वारा हड़पने का लगाया ग्रामीणों ने आरोप

बीजापुर/नवप्रदेश। नगर में जमीन (Land grab charge) की खरीदी बिक्री तथा जमीन अतिक्रमण और जमीन की हेराफेरी का मामला कोई नया नहीं है। जिला मुख्यालय के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे 25-30 वर्षों से निवास करने वाले 7 परिवारों को दवा व्यवसायी पी राकेश एवं पी दिनेश दोनों भाइयों ने अब्दुल जमील खान एवं वहीद खान से भूमि खरीदने की बात कहकर प्रताडि़त करने का मामला उजागर हुआ है।

तहसीलदार बीजापुर (bijapur) दिए गए ज्ञापन में उल्लेखित खसरा नंबर 128/1को ग्राम प्रमुख मुखिया पटेल पुजारी मांझी पार्षद एवं गणमान्य नागरिकों के कथन अनुसार शासकीय भूमि जिसमें यह परिवार कब्जा कर आबादी पट्टा बनाया है। खसरा नंबर 156 भूमि यशोदा होटल के बाजू में पुलिया से लगे हुए डूमर पेड़ तक सीमित है जिसे जबरन बढ़ाकर 128 खसरा नंबर में हेराफेरी कर बढ़ाए जाने का मामला सामने आ रहा है जिसका पुरजोर विरोध किया गया है।

राकेश ने यशोदा होटल के पीछे खसरा नंबर 156 की भूमि को जमीन खान से खरीदने की बाद मकान निर्माण कराया जा रहा था और स्वयं की पानी टंकी निर्माण करवाते समय पानी टंकी ध्वस्त हो गया और तीन मजदूरों की मृत्यु मलबे में दबकर हो गई थी जिसका थाना एवं अस्पताल में रिकॉर्ड गवाही की मौजूदगी का हवाला ग्रामीण द्वारा दिया जा रहा है।

खसरा नंबर 156/14 को हेराफेरी (Land grab charge) करके खसरा नंबर 128 में मकान बनाने सड़क किनारे की जमीन को हड़पने की साजिश रच रहा है। जबकि खसरा नंबर 156 जिस जगह से बताया जा रहा है वहां से ना होकर खसरा नंबर 128 को 156 बताकर हड़पने का प्रयास दवा व्यवसाई के द्वारा किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि 156 खसरा नंबर के नक्शे को कंप्यूटर द्वारा खसरा नंबर 128 में घुसा कर हेराफेरी किया गया है और पी दिनेश तथा पी राकेश के द्वारा इसी प्रकार विवाद करते भूमि हड़प कर मकान बनाया है और इस प्रकार जिन्होंने हरकत से ग्राम प्रमुख मुखिया पटेल मांझी पुजारी पार्षद व अन्य गणमान्य पुरजोर विरोध कर रहे और तहसीलदार से निवेदन करते हुए उक्त भूमि खसरा नंबर 128 धारा पारा में जो है उसमें खसरा नंबर 156 को बढ़ाया गया है।

उसे हटाकर संबंधित परिवारों को उनका हक की भूमि दिलावें सूत्रों की माने तो इन दोनों भाइयों के लिए तहसील कार्यालय रविवार अवकाश के दिन भी खोल दिए जाते हैं इनके अधिकतर जमीन जायदाद के काम रविवार को ही किए जाते हैं इससे जाहिर होता है तहसील कार्यालय के कुछ मददगार भी इनको जमीन खरीद-फरोख्त के कारोबार में मदद कर रहे हैं।

पीडि़तों ने बताया कि उनके द्वारा किए गए आपत्ति पर राजस्व विभाग मौन है उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इस संबंध में पी राकेश ने बताया कि जिसको जो करना हो करने दो जमीन तो हमारा है यदि ग़लत होगा तो उस पर कार्रवाई होना चाहिए।

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