बिहान स्वयं सहायता समूह को मिल रही अंतरराष्ट्रीय पहचान
रायपुर/नवप्रदेश। Bihan Group : पूरा देश रक्षाबंधन पर्व की तैयारियों में लगा हुआ है। 22 अगस्त को रक्षा बंधन का त्यौहार है, और इसी के साथ बाजारों में भी रंगबिरंगी राखियों की दुकानें सज जाती है। छत्तीसगढ़ के जिला राजनांदगांव के बिहान स्व- सहायता समूह की महिलाऐ अपने घरों में अपने हाथों से धान, चावल, गेहूं, दाल, फल एवं सब्जियों के बीज आदि के माध्यम से रंग बिरंगी राखी का निर्माण कर रही है। ये महिलाएं राजनांदगांव शहर के जगह जगह स्टाल लगाकर अपनी राखियां बेचकर स्वावलंबी बनाने की ओर अग्रसर है।
आपको बता दे कि, बिहान राजनांदगांव की महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित राखियां देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो रही हैं। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर के प्रयासों से स्वसहायता समूह की महिलाएं राखी बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है।
ऑनलाइन बाजार प्लेटफॉर्म अमेजॉन में महिला स्व सहायता समूह द्वारा निर्मित राखियों की सुर्खियां पूरे देश में फैलने लगी है इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज इन स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा हस्त निर्मित राखियों को अपने मोबाइल से घर बैठे पसंद कर ऑनलाइन बाजार प्लेटफार्म अमेजॉन के माध्यम से ऑर्डर किया। डॉ नायक इस पर कहती है कि यह राखियां मैंने हमारे प्रदेश के जन नेता हर बहन के भाई मुख्यमंत्री बड़े भैया भूपेश बघेल की कलाइयों के लिए विशेषकर आर्डर की है।
हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने अमेजॉन किया आर्डर : डॉ किरणमई नायक
छत्तीसगढ़ की बिहान (Bihan Group) स्व-सहायता समूह की महिलाएं आज किसी फैक्ट्री, कंपनी और उद्योग के ऑनलाइन उपलब्ध सामानों की तरह अपनी हस्तनिर्मित राखियों को ऑनलाइन बाजार में पंजीकृत कर राष्ट्रीय स्तर के बाजार में भी अपनी और छत्तीसगढ़ की पहचान बन रही है। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक द्वारा राज्य के समस्त महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए हमारे मुख्यमंत्री सभी महिलाओं के बड़े भैया भूपेश बघेल की कलाइयों हेतु रक्षा के बंधन माने जाने के लिए महिला स्व सहायता समूह के द्वारा हस्त निर्मित राखी बांधा जाना ही उपयुक्त होगा। इसलिए महिला स्व सहायता समूह की ऑनलाइन दर्ज राखी को प्रोत्साहित करते हुए यह आर्डर किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रही है पहचान
उल्लेखनीय है कि ‘बिहान’ के महिलाओं कारीगरों द्वारा तैयार ये राखियां राष्ट्रीय स्तर के ऑनलाइन बाजार प्लेटफार्म अमेजॉन पर पंजीकृत कर पूरे देश के किसी भी शहर से ऑनलाइन बेचने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उपलब्ध कराया गया है। यही कारण है कि, नार्थ अमेरिकन छत्तीसगढ़ एसोसिएशन शिकागो (नाचा) की संस्थापक दीपाली सरावगी ने अमेरिका के शिकागो शहर से रायपुर में निवास करने वाले अपने भाई स्वप्निल सरावगी को राजनांदगांव बिहान की राखियां आनलाइन बाजार अमेजन में उपलब्ध विकल्प के माध्यम से आर्डर कर की है।
स्टाल लगाकर बेच रही है राखियां
बिहान (Bihan Group) राजनांदगांव की स्वसहायता समूह की महिलाओं से चर्चा करने पर वे कहती हैं कि इस वर्ष का रक्षाबंधन का त्योहार उनके लिए दोहरी खुशियां लेकर आया है। हम स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्वावलंबी बनने के प्रयास में प्रतिदिन शहर में जगह-जगह स्टाल लगाकर हस्त निर्मित राखियों का विक्रय किया जा रहा है और हजारों रुपये की आय अर्जित की जा रही है। साथ ही आनलाइन अंतरराष्ट्रीय बाजार प्लेटफार्म अमेजन पर राखियां पंजीकृत करने के बाद से राज्य ही नहीं देश भर से और आज तो विदेश अमेरिका से भी हमे आर्डर प्राप्त हुआ है। हमें बहुत खुशी है कि हमारे राज्य और देश-विदेश में रहने वाली बहनें भी आनलाईन आर्डर कर हमारा आत्मविश्वास बढ़ा रही हैं और सहयोग प्रदान कर रही है।
5 से 50 रुपये में बेची जा रही है राखियां
पारंपरिक राखियां तैयार करने में स्व-सहायता समूह की महिलाएं जुटी हुई हैं। वे धान, बांस, गेहूं, चावल, रखिया बीज से बनी हस्त निर्मित राखियां बेच रहीं हैं। जिला पंचायत कार्यालय के सामने गढ़ कलेवा के पास व कलेक्टोरेट के अंदर भी स्टाल लगाया गया है। इसके अलावा डी-मार्ट में भी काउंटर खोला गया है। बताया गया कि एक हफ्ते में 24 हजार रुपये की राखियां बेची जा चुकी है। महिलाओं द्वारा तैयार 15 सौ से अधिक राखियां बिक चुकीं हैं। स्टालों में सबसे कम कीमत की राखियां महज 5 रुपये में उपलब्ध है। सबसे अधिक कीमत वाली राखियां 50 रुपये तक में बेची जा रही है।