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बड़ी खबर : मध्यान्ह भोजन में अंडे देने के विरोध में विभिन्न संगठन के हजारों लोग सड़क पर उतरे

think twice before making children vegetarianism

cg mi day meal

नवप्रदेश संवाददाता

कवर्धा। शासन के आदेशानुसार सभी स्कूल के छात्रों को मध्यान्ह भोजन (mid de mil) में अंडे egg देने के विरोध में कबीर पंथियों के साथ विभिन्न संगठन गुरुवार को सड़क पर उतर आए। हजारों महिला पुरुषों ने पुरानी मंडी से नगर में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 16 जुलाई तक मांग पूरा नहीं होने पर 17 जुलाई को रायपुर बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दामाखेड़ा के पास अनिश्चिकालीन चक्काजाम किया जाएगा।
श्री सद्गुरु कबीर धनी धर्मदास साहब सेवा समिति के बैनर के तले करीब तीन हजार महिला पुरुषों ने रैली निकाली और नगर के प्रमुख मार्गों से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। वे मध्यान्ह भोजन  (mid de mil) में अंडे egg परोसने का पुरजोर विरोध कर रहे थे। सेवा समिति के जिला अध्यक्ष ईश्वरी साहू ने बताया कि सभी सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को पिछले कई साल से मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। जिसमें उनका कोई विरोध नहीं है। लेकिन सरकार के एक नए आदेश से मध्यान्ह भोजन mid de mil में अंडा दिया जाने लगा है। शाकाहारी बच्चों को अंडा egg दिया जाने का विरोध है। उनकी मांग 16 जुलाई तक पूरी नहीं हुई, तो कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनिनाम साहेब की अगुवाई में 17 जुलाई को अनिश्चिकालीन चक्काजाम किया जाएगा। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय राजमार्ग में दामाखेड़ा के पास मांग पूरा होने तक जारी रहेगा।
शासन के आदेशानुसार समस्त स्कूलों में अध्ययनरत विघार्थियों को मध्यान भोजन mid de mil दिया जा रहा है। यह अत्यंत ही सराहनीय एवं जन भावनाओं के अनुरूप है। किन्तु मध्यान्ह भोजन के निर्धारित मेनु में अण्डा को शामिल करना न्याय संगत नहीं है। स्कूल में विभिन्न समुदाय के बच्चे पढ़ते हैं। अबोध बच्चों को ज्ञान नहीं होने के कारण वे दूसरे बच्चों के संपर्क में आकर अंडे egg का सेवन करने लगेंगे। मध्यान्ह भोजन से अंडे egg हटाने के लिए ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में समिति के पदाधिकारियों के साथ पतंजलि योग समिति के अध्यक्ष राजकुमार वर्मा, सुरेश शर्मा महंत, सीताराम साहू, यशोदा निर्मलकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
पतंजलि योग समिति के जिलाध्यक्ष राजकुमार वर्मा ने बताया कि सद्गुरु कबीर साहेब ने जीव हत्या के विरोध मेंं मांसाहार का विरोध किया और जीवन भर शाकाहार का प्रचार करते रहे। कबीर पंथियों का यह 600 साल पुरानी संस्कृति है, जिसे मिटाने की साजिश की जा रही है। समाज के कई विद्यार्थी अंडे egg का सेवन नहीं करते क्योंकि अंडा मांसाहारी है। जबकि शासन के आदेशनुसार स्कूलों में बुधवार को अण्डा दिये जाने से वे परेशान रहते हैं और स्कूल नहीं जाना चाहते। कबीर पंथ के पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र मानिकपुरी ने कहा कि स्कूल में मासूम बच्चों को उनके माता पिता की सहमति और जानकारी के बिना अंडा दिया जा रहा है। विभिन्न समुदाय के शाकाहारी लोगों को अंडे egg देने के विरोध में जनमानस उद्वेलित है और शीघ्र ही उग्र आदोलन किया जाएगा।

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