गृह मंत्री विजय शर्मा ने कई बार नक्सलियों से वार्ता का बयान दिए हैं, इधर फोर्स का दो टूक जवाब बैरक में नहीं एक्शन मोड में रहेंगे
रायपुर/नवप्रदेश। Big News Of Chhattisgarh : सरकार से बातचीत को लेकर एक बार फिर नक्सलियों ने बड़ा बयान जारी किया है। माओवादियों ने सरकार से वार्ता के लिए पत्र भी जारी किया है। नक्सलियों ने सरकार से कहा है कि वार्ता अनुकूल वातावरण में करना चाहते हैं। नक्सलियों ने यह बयान तब जारी किया है जब राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा बार-बार नक्सलियों से वार्ता की बात कह रहे हैं।
इधर नक्सली भले ही अपना बयान जारी कर वार्ता की बात कह रहे हों लेकिन फोर्स ने साफ कर दिया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में एक्शन मोड पर कार्रवाई निरंतर जारी रहेगा। शासन अपने स्तर पर पहल कर सकती है लेकिन नक्सलियों के खिलाफ अभियान में किसी भी तरह से रियायत नहीं बरती जाएगी।
नक्सलियों द्वारा एक पत्र के जरिए बयान जारी करने के बाद नव प्रदेश ने आईजी बस्तर पी सुंदरराज से बातचीत की। आईजी ने कहा, वार्ता पर निर्णय राज्य शासन को लेना है, फोर्स नक्सली खात्मे के लिए अपना काम करते रहेगी। एक्शन मोड पर सर्चिंग अभियान से लेकर वांटेड नक्सलियों की खोजबीन जारी रखेंगे।
जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने अपने बयान में कहा है कि उप मुख्यमंत्री लगातार वार्ता की बात कह रहे हैं लेकिन हमारे बयान का सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी भारत की कम्युनिष्ट पार्टी (माओवदी) की ओर से पत्र जारी कर कहा गया है, किसानों, मजदूरों, मध्य वर्गीय लोगों, छोटे व मध्यम पूंजीपतियों एवं आदिवासियों, दलितों, धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों, इसाइयों एवं महिलाओं के हितों को छोडक़र हमारा कोई अलग हित नहीं है।
छह माह तक सरकारी सशस्त्र बलों को बैरकों तक सीमित करने और नए कैंप स्थापित नहीं करने की मांग करते हुए बयान जारी किए हैं। अपने पत्र में कमेटी ने कहा है, हमारी पार्टी हमेशा कहती आ रही है कि वह उत्पीडि़त व शोषित जनता के व्यापक हित और स्थायी शांति कायम करने की दिशा में वार्ता के लिए तैयार है।
हाल में गृहमंत्री विजय शर्मा के बयान का जवाब देते हुए भी हमने यह स्पष्ट किया था कि अनुकूल वातावरण निर्मित होने की स्थिति में हम वार्ता के लिए आगे आएंगे। जोनल कमेटी की ओर से बयान जारी होने के बाद पुलिस ने साफ कर दिया है कि वार्ता शासन स्तर पर तय किया जाएगा लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में फोर्स का मूवमेंट बरकरार रहेगा। कहीं भी किसी तरह से रियायत नहीं बरती जाएगी।
जोनल कमेटी ने बयान में कहा, कोई बड़ी मांग नहीं
जोनल कमेटी की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि अनुकूल वातावरण के बिना कोई वार्ता नहीं हो सकती। इसके लिए सरकार से कोई बहुत बड़ी मांग या कोई शर्त नहीं रखी सिर्फ यह सुनिश्चित करने कहा कि मुठभेड़ों और व क्रॉस फायरिंग के नाम पर झूठी भूठभेड़ों में आदिवासियों की जघन्य हत्याएं बंद की जाए। सभी सशस्त्र बलों को कैंप के बजाए छह महीने तक बैरकों तक सीमित रखा जाए।
IG बस्तर ने कहा- वार्ता पर निर्णय राज्य शासन को लेना है
नक्सलियों द्वारा एक पत्र के जरिए बयान जारी करने के बाद नव प्रदेश ने आईजी बस्तर पी सुंदरराज से बातचीत की। आईजी ने कहा, वार्ता पर निर्णय राज्य शासन को लेना है, फोर्स नक्सली खात्मे के लिए अपना काम करते रहेगी। एक्शन मोड पर सर्चिंग अभियान से लेकर वांटेड नक्सलियों की खोजबीन जारी रखेंगे।
75 से ज्यादा नए कैंप स्थापित
बस्तर में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा के लिए अभी तक 75 से ज्यादा पुलिस कैंप स्थापित किए जा चुके हैं। लोक सभा चुनाव में सुरक्षा की कमान संभालने के लिए पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी व सशस्त्र बलों से लगभग 80 हजार जवान तैनात करने की तैयारी है।
चुनाव की तारीखों का एलान होते ही फोर्स का मूवमेंट भी इलाके में बढ़ गया है। नए कैंप खुलने से नक्सल क्षेत्र का बड़ा हिस्सा अब पुलिस फोर्स के कब्जे में है। गांवों के अंदरूनी हिस्सों तक सडक़ बनाने और फिर बिजली-पानी की समस्या खत्म हुई है।