बड़ी खबर : वन विभाग ने दंतैल को लेकर दिया बड़ा बयान

बड़ी खबर : वन विभाग ने दंतैल को लेकर दिया बड़ा बयान

Dantel hathi ganesh

Dantel hathi ganesh

  • नहीं सुधरा तो मारा जाएगा दंतैल गणेश
  • धरी रह गई थीं वन विभाग की सारी तैयारियां, बेडिय़ां तोड़कर भाग निकला जंगलों में
  • अब उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहा है विभाग, बेडिय़ां निकालने में सफल रहने का दावा

सुकांत राजपूत

रायपुर। कोरबा korba और रायगढ़ raighar इलाके में आतंक का पर्याय बन चुके दंतैल हाथी गणेश Dantel hathi ganesh छत्तीसगढ़ के वन अमले के लिये सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है। इस बिगड़ैल दंतैल को काबू में करने के लिये वन विभाग van vibhag ने आपरेशन गणेश चलाया, इस आपरेशन में अब भी कामयाबी से वन विभाग एक कदम दूर है।

वन विभाग के मुताबिक दंतैल हाथी गणेश Dantel hathi ganesh अब तक प्रदेश के 18 लोगों की जान ले चुका है। दर्दनाक मौत देने वाले गणेश Dantel hathi ganesh के पैरों तले कुचले जाने वालों में कई ग्रामीण, वनवासी और वन अमले का स्टाफ भी शुमार है। निर्दोष लोगों का यह हत्यारा अब भी आजाद है, हालांकि वन विभाग के मुताबिक वह उनकी सतत निगरानी में है।

जान जोखिम में डालकर 23 जुलाई को 100 घंटे की मशक्कत के बाद 100 के लगभग वन कर्मियों ने गणेश को धरदबोचा था। टेंरकुलाइज करने के बाद उसे बंधक बनाकर फौरन कॉलर आईडी भी पहना दिया गया था।

कोरबा korba रिहेबिलिटेशन सेंटर से सरगुजा में उसे शिफ्ट करना नामुमकिन था। उसे जंजीरों से बांधकर छग.वन विभाग और वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया की टीम यह सोच ही रही थी कि उसे रेस्क्यू सेंटर में रखें या फिर कोर एरिया में छोड़ें। कोई फैसला ले पाते उससे पहले ही होश में आने और टेंरकुलाइज के बाद भूख-प्यास से बौराए गणेश पैरों में बंधी जंजीर तोड़कर फरार हो गया। ऑपरेशन गणेश से जुड़ी पूरी टीम के लिए यह बड़ा सिरदर्द था।

अब उसे फिर पकड़कर तीनों पैरों में फंसी जंजीर भी निकालना चुनौती था। लेकिन, गले में डले कॉलर आईडी से उसका लोकेशन ट्रेस कर उसे एक बार फिर जंजीरों से मुक्त करने में वन विभाग की टीम कामयाब हो गई है। हालाकि जंजीर खोलने के बाद एक बार फिर 18 लोगों की हत्या करने वाला दंतैल गणेश पूरी तरह आजाद है।

सीधे शब्दों में कहें तो दो बार टे्रंकुलाइज्ड किये जाने व पैरों में घंटों जंजीर बंधे रहने से संभावना है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में उसका गुस्सा और बेहोशी की दवा दो बार देने से भूख-प्यास में वह फिर कहीं आबादी एरिया में न पहुंचे इसपर विभाग ससत नजर रख रहा है।

उग्र हुआ, जान लिया तो मार देंगे

18 लोगों की हत्या के आरोपी गणेश की जान भी खतरे में है। अगर वह फिर उग्र हुआ या लोगों की जान ली तो मजबूरन वन विभाग उसे गोली मार सकता है। हालांकि पीसीसी वाइल्ड लाइफ अतुल शुक्ला ने इसे लास्ट ऑप्शन बताया है। उन्होंने नवप्रदेश से फोन पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि गणेश Dantel hathi ganesh पर हम नजर रखे हैं।

फिलहाल वो शांत है। किसी भी वन्य प्राणियों को जान से मारने के लिए पूरी प्रक्रिया है। वैसे गणेश की हरकत और उसका जंगल में मानसिक सुधार हो या फिर किसी भी खतरे को भांपते ही हम उसे रिहेबिलिटेशन सेंटर सरगुजा में रखेंगे।

पीसीसीएफ श्री शुक्ला ने बताया कि अगर यह तीनों स्टेप के बाद भी गणेश Dantel hathi ganesh नियंत्रित या शांत नहीं होगा और फिर उग्रता में जानलेवा साबित हुआ तो मारा जा सकता है। बता दें कि आदमखोर होने पर शेर को भी मारने के लिए विभागीय प्रक्रिया पूरी कर गोली मारने के कई और अन्य उदाहरण हैं।

सुलगते सवाल

  •  पकड़ में आने के बाद क्यों विभाग चूक गया
  •  क्या ट्रेंकुलाइजर की डोज में कहीं कसर रह गई
  •  क्या वजन, उम्र देखकर उसे ट्रेंकुलाइज्ड किया था
  •  क्या गणेश की ताकत का अंदाजा गलत लगाया गया
  • गणेश को बांधने के लिए जंजीर की क्षमता चेक नहीं की
  • क्या यह पुख्ता है कि गणेश ने ही 18 जानें ली थी
  • क्यों विभाग ऐसे हत्यारे दंतैल को मारने से बच रहा है
  •  दंतैल गणेश की हरकत ऐसी क्यों है, इसका क्या अंदाज है

वर्जन

ट्रेंकुलाइज करने के बाद ही हम गणेश Dantel hathi ganesh को कॉलर बेल्ट पहना चुके हैं। उसकी लोकेशन व हरकत पर हम सतत नजरें रख रहे हैं। फिलहाल वो शांत है और अगर उग्र होता है तो हम उसके रास्ते में पडऩे वाले गांवों को पहले ही सचेत कर सकते हैं। उसकी खुराक उसे जंगल में देने की भी कोशिश है। करीब 10-15 दिन उसे सेंचुरी में ही हरकतों का अध्ययन किया जाएगा। लगा तो सरगुजा रिहेबिलिटेशन सेंटर या फिर कोर एरिया में छोड़ेंगे। जान से मारना हमारा अंतिम विकल्प होगा। फिलहाल उसे मारने से पहले दो ऑब्शंस पर हम काम कर रहे हैं।
अतुल शुक्ला, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ छग

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