-एथिक्स कमेटी ने रिपोर्ट सौंपते हुए महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव रखा
नई दिल्ली। mahua moitra: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया गया है। इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी घोषणा की। ओम बिरला ने स्पष्ट किया कि 15 अक्टूबर 2023 को सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सांसद महुआ मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों को आचार समिति की जांच में सत्य पाया गया और मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया।
निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया। बाद में मोइत्रा ने आरोपों से इनकार किया। लेकिन उन्होंने माना था कि संसद का लॉगिन और पासवर्ड उन्होंने उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी को दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि ‘पोर्टल से कौन लॉगइन कर सकता है, कौन कर सकता है और कौन नहीं, इसके बारे में कोई नियम नहीं है। हालाँकि, एथिक्स कमेटी ने आज संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की और महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है।
क्या है कमेटी की रिपोर्ट?
लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मोइत्रा पर अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। ओम बिरला के आदेश के बाद ही इस कमेटी ने यह जांच रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट करीब 500 पेज लंबी है। रिपोर्ट को 6-4 के अंतर से मंजूरी दे दी गई। मोइत्रा पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और उनका व्यवहार आपत्तिजनक और अनैतिक बताया जा रहा है। समिति ने गहन जांच रिपोर्ट आने तक महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने या उनकी सदस्यता निलंबित करने की सिफारिश की है।
सदस्यता छोडऩे के बाद क्या बोलीं महुआ मोइत्रा?
लोकसभा सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव पारित करने के फैसले पर गुस्सा जाहिर करते हुए मोइत्रा ने कहा, ‘मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। मैंने उद्योगपति गौतम अडानी का मुद्दा संसद में उठाया था और आगे भी इस बारे में बोलते रहूंगी।’ केवल संसद का लॉगिन और पासवर्ड साझा किया। कार्रवाई की गई है। लेकिन इसके बारे में कोई संसदीय नियम नहीं है।