फर्जीवाड़े की खबर उजागर होने के बाद स्कूल और यात्री बसों की जगह RTO को धोखा देकर अब CISF लिखी बसों में ढोने लगे स्टाफ
रायपुर/नवप्रदेश। Big Industrial Group’s Dangerous Game : परिवहन आयुक्त के आदेश पर ये पूरी कार्यवाही राजनांदगांव और बिलासपुर में सिर्फ की गई है। लेकिन रायपुर में कोई कार्यवाही करने से आरटीओ और परिवहन विभाग के भी हाथ कांपते दिखे। जायसवाल निको, निर्वाणा स्टील लिमिटेड, मोनेट की स्टाफ बस आज भी परिवहन विभाग की आंखों में धुल झोंकने में कामयाब रही। फर्जीवाड़ा करके CISF लिखी बस में स्टाफ को बिठाकर परिवहन किया गया है।
चौंकाने वाली बात यह कि जायसवाल निको में कालातीत और आरटीओ टैक्स घोटाला करने वाली स्टाफ बसों की खबरें प्रकाशित होने के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कार्रवाई की औपचारिकता दिखाते हुए राजनांदगांव और बिलासपुर में ही चेकिंग किये और रायपुर के उद्योग समूहों को एक तरह से क्लीन चिट दे दिए। दैनिक नवप्रदेश की पड़ताल में विभागीय कार्रवाई की औपचारिकता सामने आ गई और आज भी ये गाड़िया रायपुर में कंपनियों के स्टाफ को लती ले जाति दिखीं।
सरकार की हानि और RTO को गच्चा, खतरनाक फर्जीवाड़ा
जायसवाल निको इंडस्ट्रीस ने स्टाफ बस घोटाले की खबर के खुलासे के बाद भी फर्जीवाड़ा करते हुए स्कूल बसों और यात्री बस को हटाकर सीआईएसएफ लिखी बसें सीआईएसएफ लिखी हुई बसों का नंबर, CG07CL0167, CG07CL0168, CG07CL0166 है जिसपर स्टाफ को सफर करवाया गया।
इन बसों का परमिट नही है आरटीओ ने कोई चेकिंग नही की है आरटीओ से मिलीभगत करके स्कूल बसों को बदल कर दूसरी बस का उपयोग किया गया है लेकिन जिन बसों को भी चलाया जा रहा है बिना स्टाफ परमिट के वो बसे भी नही चल सकती। इस तरह कंपनियां आरटीओ को बेवकूफ बना रही हैं। सूत्रों के हिसाब से ये जो बस जिसमे सीआईएसएफ लिखा हुआ है वो बीएसपी भिलाई में चलने वाली बस है।
https://twitter.com/Navpradesh/status/1778421276245406067
ऐसे की कंपनी के ट्रांसपोर्ट सेक्शन ने रायपुर में 420
दूसरी बात ये है कि निको प्लांट में ये सीआईएसएफ लिखी हुए बस इसलिए चला रहा है ताकि कोई भी आरटीओ स्टाफ इस बस को रोके नहीं। इनके झांसे में परिवहन विभाग आकर रायपुर में कोई कार्रवाई नहीं किया। चेकिंग करने वाले CISF लिखी बस को सरकारी समझकर रोके भी नहीं।
ये एक प्रकार की 420 है। और तो और रिलायंस ट्रेवल्स वाला दो बस ऐसी चला रहा है जो दुर्ग से रायपुर परमिट की बस है। जिसमे सुमीत लिखा हुआ है। ये बस दुर्ग से रायपुर सवारी लाने ले जाने का परमिट है ना कि निको फैक्ट्री के स्टाफ को दुर्ग से सिलतारा तक लाने का है।