-सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 51 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य
नई दिल्ली। Shipping Corporation of India: पिछले कुछ महीनों में केंद्र की मोदी सरकार ने कई सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया है। कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी बेची गई। इससे मोदी सरकार को करोड़ों रुपये की कमाई हुई। इसमें एक और कंपनी जुडऩे जा रही है। यह कंपनी दो भागों में बंटेगी। इसके एक हिस्से का निजीकरण किया जाएगा और दूसरे हिस्से को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया जाएगा।
इस कंपनी का नाम शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया है। इस कंपनी का एक हिस्सा सरकार बेचने जा रही है। ऐसे में इस महीने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का नॉन-कोर एसेट बिजनेस शेयर बाजार में लिस्ट होगा। उसके बाद भारतीय नौवहन निगम के निजीकरण के लिए वित्तीय निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। कंपनी की गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग-अलग कंपनियों, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लिमिटेड में अलग कर दिया गया है। 31 मार्च 2022 तक इस कंपनी की वैल्यूएशन 2,392 करोड़ रुपए थी।
डिमर्जर प्रक्रिया के भाग के रूप में SCILL को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाएगा और SCI के प्रत्येक शेयरधारक को SCILL का एक शेयर प्राप्त होगा। SCILAL कंपनी के शेयर इसी महीने शेयर बाजार में लिस्ट हो सकते हैं। बाद में एससीआई के निजीकरण पर स्पष्ट होगा। मौजूदा समय में एससीआई में सरकार की 63.75 फीसदी हिस्सेदारी है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने फरवरी में कंपनी के डीमर्जर को मंजूरी दी थी।
इस बीच मार्च 2021 में सरकार को एससीआई कंपनियों के निजीकरण के लिए कई ईओआई मिले थे। कंपनी थोक वाहक, कच्चे तेल के टैंकर, उत्पाद टैंकर, कंटेनर जहाजों, यात्री सह मालवाहक जहाजों, एलपीजी और अपतटीय आपूर्ति जहाजों का मालिक है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 51,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। अब तक सरकार ने शॉर्ट स्टेक सेल के जरिए 4,235 करोड़ रुपए जुटाए हैं।