बांध बीते साल के मुकाबले 11 फीसदी जल्दी सूखे, 12 बड़े बांधों में जल भंडारण स्तर में 2 से 6 फीसदी तक गिरा
रायपुर/नवप्रदेश। Big Dams Of Chhattisgarh : संकट गहराने लगा है। कई जिलों के मध्यम और छोटे बांधों में भी स्थिति चिंतनीय है। गत दो वर्षों में मई माह में जलस्तर के भंडारण का यह निम्न स्तर है। मार्च माह से ही गर्मी ने हालात शोचनीय बना दिया था। बीते 10 दिनों में छत्तीसगढ़ राज्य के 12 बड़े बांधों में जल भंडारण स्तर में 2 से 6 फीसदी तक गिरा दिया है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि तेज धूप ने पानी को सोखा है और यह बांध बीते साल के मुकाबले 11 फीसदी जल्दी सूखे हैं।
बता दें कि इस साल फरवरी से गर्मी अपना अहसास करा रही थी। मार्च के प्रथम सप्ताह से ही पारा 40 डिग्री को छूने लगा है। उसका असर 60 फीसदी से अधिक बांधों में इसका असर देखने को मिला है। एक चिंताजनक खबर सामने आई है। पूरे क्षेत्र में अंडरग्राउंड वाटर लेवल में भी तेजी से गिरावट देखा जा रहा है।
धमतरी में कुल चार बांध है
तीन डैम महानदी पर बनाया गया है और एक डैम सोंढुर नदी पर स्थित है। शहर के गंगरेल, माडम सिल्ली, दुधावा और सोंढुर बांध के पानी से भिलाई स्टील प्लांट, रायपुर नगर निगम और धमतरी नगर निगम पूरी तरह डिपेंडेंट है। इसके अलावा धमतरी, बालोद और बलौदाबाजार के इलाकों में खेती किसानी के लिए भी लोग इन्हीं बाधों पर निर्भरता हैं। चारों बांध की वजह से इलाके में भूजल स्तर व्यवस्थित होता है। लेकिन आज इन चारों बांध की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
राज्य के बड़े बांधों में जल भंडारण प्रतिशत
- मिनीमाता बांगो- 47.35 – 45.34
- रविशंकर सागर- 33.72 – 33. 66
- तांदुला जलाशय- 23.42 – 19. 63
- दुधावा जलाशय- 18.04 – 16.63
- सिकासार बांध- 28.97 – 22.22
- खारंग जलाशय- 51.60 – 45.28
- सोंढूर जलाशय- 32.06 – 26.27
- मुरुमसिल्ली- 3.90 – 2.96
- कोडार जलाशय- 17.39 – 13.26
- मनियारी जलाशय- 38.53 – 37.68
- केलो जलाशय- 57.03 – 54.93
- अरपा भैंसाझार- 42.42 – 39.86 (10 दिन पूर्व और 9 मई की स्थिति)