नई दिल्ली। manipur violence: मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर टिप्पणी की और कहा कि आरोपियों को ताकत और कानूनी ताकत का इस्तेमाल कर सजा दी जाएगी, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि इस वीडियो के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को कड़े शब्दों में फटकार लगाई। इसके बाद इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब पीडि़त महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और आज सुनवाई शुरू हो गई है।
मुख्य न्यायाधीश डी. जे चंद्रचूड़ ने इस पर गौर किया है इस घटना के बारे में हमें वीडियो देखने के बाद ही पता चला। हालांकि, चंद्रचूड़ ने कहा कि समाज में यह पहली घटना नहीं है और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाने की जरूरत है। साथ ही दोनों पक्षों को सुना जाएगा, जिसके बाद फैसला सुनाया जाएगा। सीजेआई ने यह भी कहा है कि फिलहाल हमारे पास कोई सबूत नहीं है।
पीडि़त महिलाओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में पेश हुए। सिब्बल ने कहा कि पीडि़त महिलाओं की ओर से सीबीआई जांच और केस को असम राज्य में ट्रांसफर करने का विरोध किया जा रहा है। साथ ही पुलिस ने पीडि़त महिला के साथ-साथ अपराधियों का भी समर्थन किया है।
सिब्बल ने कोर्ट को यह भी बताया कि पुलिस ने इन महिलाओं को भीड़ के हवाले कर दिया। इस बीच, सत्ता पक्ष की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी स्पष्ट किया कि इस मामले को असम राज्य में ले जाने की हमारी कोई मांग नहीं है। मेहता ने कहा कि हमारी मांग सिर्फ मणिपुर से बाहर पलायन की है।
कांग्रेस सांसद का मणिपुर दौरा
रविवार को विपक्षी गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल के लौटने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि मणिपुर में अनिश्चितता और भय व्याप्त है और केंद्र और राज्य सरकार वहां बेहद गंभीर स्थिति से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। मणिपुर में हालात बेहद गंभीर हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। उन्हें नहीं पता कि वे अपने घर कब लौटेंगे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि खेती-किसानी का काम ठप हो गया है।