-सीएचएमओ डॉ. बघेल ने दोनों हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर मांगा स्पष्टीकरण
रायपुर/नवप्रदेश। कोरोना काल के इस संकट के दौर में एक ओर जहां लोग ऑक्सीन बेड की तलाश के लिए हॉस्पिटल की खाक छान रहे है, तो, वहीं दूसरी ओर कोविड 19 सेंटर की अनुमति मिलने वाले हॉस्पिटल प्रबंधन मरीजों की संवेदना को दरकिनार कर रहे है। उन्हें सिर्फ मोटी रकम कमाने का जुनून छाया हुआ है। आलम यह है कि इन अस्पतालों में बिस्तर होने के बावजूद भी मरीजों को बेड खाली नहीं होना बताया जा रहा है।
जबकि कोविड की आड़ में ये हॉस्पिटल प्रबंधन बिस्तरों का कर रहे सौदा है। कुछ ऐसा ही मामला राजधानी रायपुर के दो बड़े नामी हॉस्पिटल सामने आया है। जहां कोविड मरीज को बिस्तर नहीं मिल पाया। इसकी शिकायत पीडिता ने मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मीरा बघेल से की है। जिस पर कार्रवाई करते हुए सीएचएमओ डॉ. बघेल ने दोनों हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। इधर, अस्पताल प्रबंधन भी उक्त शिकायत को गलत ठहराते हुए टेक्नीकल प्रॉब्लम बताते हुए अपना पल्ला झाड दिया है।
नाम न बताने के शर्त पर शिकायतकर्ता ने नवप्रदेश को उक्त घटना के बारे में जानकारी देते हुए श्रीबालाजी सुपरस्पेश्यालिटी हॉस्पिटल व हेरिटेज हॉस्पिटल पर आरोप लगाया है कि कोरोना मरीजों को संकट के इस दौर में बिस्तर होने के बावजूद यह कह देना कि बिस्तर नहीं है पूरी तरह से अमानवीय है। पीडित पक्ष का आरोप है कि कोरोना के आड़ में राजधानी सहित पूरे प्रदेश कोविड 19 सेंटरों में मोटी रकम कमाने के चक्कर में मरीजों को गुमराह किया जा रहा है। जबकि रसूखदारों व सिफारिश लेकर पहुंचने वालों को आसानी से हॉस्पिटलों में बिस्तर मिल जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग को किया जा रहा गुमराह
कोरोना संकट काल में प्राइवेट अस्पतालों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। इस भयावह दौर में भी कमाई का अवसर बना रहे हैं । दरअसल राजधानी रायपुर के दो नामी अस्पतालों की काली करतूत सामने आई है। कोरोना संकट के दौर में स्वास्थ्य विभाग को गलत जानकारी देकर गुमराह किया जा रहा था। बेड और आक्सीजन को लेकर राज्य सरकार ने साफ तौर पर निर्देश जारी किया है। इसके बाद भी आक्सीजन और बेड को लेकर गलत जानकारी देकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
ऐसे खुला राज :
इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की गई थी। शिकायत मिलने के बाद इन दोनों अस्पताल को फोन कर इसकी सच्चाई की जांच की। जिसमें पाया गया कि कोरोना मरीजों की गलत जानकारियां दी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने रायपुर के हेरिटेज अस्पताल और श्रीबालाजी सुपरस्पेश्यालिटी हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया है। दोनों अस्पताल से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके अलावा चेतावनी दी है कि नर्सिंग होम एक्ट के तहत विधिवत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के इलाज के कुछ प्राइवेट अस्पतालों नाम जारी किया था। जिसमें हेरिटेज अस्पताल और श्री बालाजी सुपरस्पेश्यालिटी हॉस्पिटल का नाम शामिल था। लेकिन शासन के नियमों का अवहेलना करते हुए गलत जानकारी देकर गुमराह किया जा रहा है। अस्पताल ने कोविड मॉनिटरिंग पोर्टल में 25 ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता की जानकारी दी है। जब कोरोना मरीज अस्पताल में फोन कर ऑक्सीजन बेड मांगते है, तो उन्हें मना कर दिया जाता है। इस तरह गंभीर लापरवाही अस्पताल कर रहे हैं।
ऑनलाइन पोर्टल से चालाकी पकड़ी गई :
राजधानी रायपुर में श्रीबालाजी सुपस्पेश्यालिटी हॉस्पिटल एवं हेरिटेज अस्पताल में बिस्तर नहीं होने की शिकायत के बाद जब स्वास्थ्य विभाग ने उक्त तारीख को उनके अधिकारिक पोर्टल पर देखा गया तो उसमें खाली बेड की मौजूदा स्थिति दिखाई दी। जिसके चलते इन अस्पतालों की चालाकी पकड़ी गई। इन दोनों हॉस्पिटलों को लेकर की मिली शिकायत में मोटी रकम कमाने और मरीजों को गुमराह करने आरोप भी लगाया है। शिकायत के आधार पर दोनों हॉस्पिटलों को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया है। दोनों अस्पताल से स्पष्टीकरण मांगा है। डॉ. मीरा बघेल, सीएचएमओ, रायपुर
गलत जानकारी नहीं दी जा रही
कोरोनाकाल के इस संकट के दौर में हम मरीज और उनके परिजनों के साथ है, शिकायतकर्ता ने जो आरोप लगाया है वह पूरी तरह से गलत है, अस्पताल प्रबंधन द्वारा किसी भी तरह से बिस्तरों की संख्या को लेकर गलत जानकारी नहीं दी जा रही है। जबकि पोर्टल में दी गई जानकारी दो दिन पुराना था, जिसे कुछ तकनीकी कारणों की वजह से अपडेट नहीं किया जा सका था। बिस्तरों की मौजूदा स्थिति क्या है उसे अपडेट कर दिया गया है। डॉ देवेन्द्र नायक, मेडिकल डायरेक्टर, श्रीबालाजी सुपरस्पेश्यालिटी हॉस्पिटल