नई दिल्ली। ICMR Covaxin Vaccine : देश में कोरोना की दूसरी लहर धीरे-धीरे कम होती जा रही है। लेकिन तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। इसलिए टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है। साथ ही डेल्टा प्लस वेरिएंट खतरनाक होता जा रहा है। यहां तक कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली हैं, वे भी डेल्टा वेरियंट से संक्रमित पाए गए हैं।
इस स्थिति में कोवासिन वैक्सीन (ICMR Covaxin Vaccine) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के शोध से पता चला है कि कोवैक्सीन डेल्टा प्लस संस्करण के खिलाफ प्रभावी है।
भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन वैक्सीन पहले से ही लक्षणों के साथ कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत और डेल्टा संस्करण के खिलाफ 65.2 प्रतिशत पर प्रभावी है। इसके बाद, ढ्ढष्टरूक्र की रिपोर्ट के अनुसार, Covaxin अब Delta Plus वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है। इसलिए मेक इन इंडिया कोवैक्सीन से बड़ी राहत मिली है। Covaxin भारत में शोधित और उत्पादित एकमात्र वैक्सीन है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को अभी तक अनुमोदित नहीं किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने बताया कि प्रक्रिया चल रही है।
‘आपातकालीन उपयोग के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास जमा कर दिए गए हैं। वर्तमान में संगठन इसकी समीक्षा करने के लिए काम कर रहा है, ‘राज्य सभा में पवार को सूचित किया। इस प्रक्रिया को पूरा करने में ङ्ख॥ह्र को 6 सप्ताह का समय लगता है।