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Breaking : भोपाल स्टेशन में…ट्रेन का इंतजार करते ऐसे दिखी मंत्री अनिला भेड़िया

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भूपेश सरकार में मंत्री की सादगी और सरलता पेश कर रही उच्च आदर्श

ससूर कद्दावर मंत्री, पति आईजी थे, खुद मंत्री हैं पर आम यात्री बनी रहीं

नवप्रदेश संवादाता

रायपुर/भोपाल। भूपेश सरकार (Bhupesh Sarkar) सादगी, सरलता और कई मायनों में उच्च आदर्श प्रस्तुत (High ideal presented) कर रही है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की आब-ओ-हवा ही ऐसी है कि पद और पॉवर हासिल करने के बाद भी मंत्रियों (Ministers) के अंदर का कॉमन मैन दिल में गहरी पैठ जमाए है। सीएम भूपेश बघेल की मानिंद उनके मंत्री मंडल में भी कई ऐसे हैं जिनकों विरासत में रसूखदारी मिली। लेकिन, उनके अंदर की सादगी और छत्तीसगढिय़ा हृदय की सरलता उन्हें पद, पैसा, नाम और पॉवर मिलने के बाद भी बदस्तूर कायम है।

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हम बात कर रहे हैं भूपेश सरकार के केबिनेट में महिला बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती अनिला भेडिय़ा (anila bhediya) की। उनकी यह सादगी किसी भी तरह से प्रायोजित नहीं थी। उन्हें आखीर तक पता नहीं चला कि किसी ने उनकी तस्वीरें भी ली हैं। दरअसल वाक्या भोपाल स्टेशन का है। मंत्री अनिला भेडिय़ा अपने पति रिटायर्ड आईजी रविंद्र नाथ भेडिय़ा के साथ भोपाल से छत्तीसगढ़ के लिए लौट रही थीं।

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जानकारी के मुताबिक वे निजी कार्य से 17 फरवरी को भोपाल (bhopal) गईं थीं और 19 फरवरी को वापसी के लिए स्टेशन पहुंची थीं। रेलवे स्टेशन पर वे अपनी टे्रन के इंतजार में अपने पूरे लगेज के साथ किसी आम यात्रियों की तरह प्लेटफार्म के एक किनारे यात्रियों के बैठने के लिए बने पत्थर के चबुतरे पर बैठी दिखीं। बता दें कि मंत्री अनिला भेडिय़ा के ससूर झुमुकलाल भेडिय़ा मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री व कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं।

तुर्रा यह कि उनके पति भी तात्कालीन मध्य प्रदेश (mp) में पुलिस महानिरीक्षक पद पर रह चुके हैं। खुद श्रीमती अनिला भेडिय़ा छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री (anila bhediya Minister in Government of Chhattisgarh) हैं। इन सब के बावजूद वे अपने रसूख का कोई इस्तेमाल नहीं कीं और मजे की बात यह कि मध्य प्रदेश सरकार में वर्तमान में कांग्रेस का ही राज है फिर भी वे आम यात्रियों की तरह भोपाल रेलवे स्टेशन में पहुंची और उसी खामोशी से छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुईं।

आज के समय जब अफसर-मंत्रियों के मुंह लगे पीए व स्टाफ जिस तरह वीआईपी कल्चर का नाजायज लाभ ले रहे हैं उनके लिए यह एक सबक है। बता दें कि भूपेश सरकार में मंत्री कवासी लखमा, मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री ताम्रध्वज साहू की सादगी और सरलता की भी हर जुबां पर चर्चा है। लेकिन मंत्री अनिला भेडिय़ा, पूर्व आईजी पुलिस रविंद्र नाथ भेडिय़ा ने दिखाई वो अन्य किसी ने अब तक नहीं दिखाई है।

प्रोटोकॉल की इतनी बड़ी अनदेखी कैसे?

सवाल यह उठता है कि मध्य प्रदेश सरकार और भोपाल रेलवे स्टेशन में जीआरपी, आरपीएफ और स्टेशन प्रबंधन को तो भेडिय़ा परिवार की अनदेखी कैसे कर गई।। भले ही मंत्री अनिला भेडिय़ा और उनके पति पूर्व आईजी रविंद्र नाथ खुद को उनपर जाहिर नहीं किये। लेकिन किसी भी प्रदेश के केबिनेट मंत्री का एक प्रोटोकॉल होता है और मंत्री स्टाफ या छत्तीसगढ़ शासन से बाकायदा मध्य प्रदेश सरकार को यह सूचना होना अनिवार्य था। मंत्री 17 फरवरी को भोपाल निजी कार्य से गईं थीं और 19 फरवरी को लौटीं।

पत्थर के चबुतरे पर बैठी रहीं मंत्री भेडिय़ा

भोपाल स्टेशन पर आम यात्रियों की तरह पत्थर के चबुतरे पर अपना लगेज लेकर टे्रन का इंतजार करते रही भेडिय़ा दंपत्ति। कई बार स्टेशन सुरक्षा में तैनात जीआरपी, आरपीएफ स्टाफ वहां से गुजरा पर अनदेखी कर गया। हो सकता है वो पहचान नहीं पाए। लेकिन वीआईपी लाउंज भी स्टेशन का बंद था और कोई जिम्मेदार भी मंत्री छग.शासन व पूर्व आईजी की अनदेखी कर गया।

सरल स्वभाव मंत्री अनिला भेडिय़ा की व्यवस्था व यात्रा की जवाबदेही उनके स्टाफ की भी उतनी ही है पर वे भी लाइन अप नहीं रहे। आमतौर पर एक अफसर, विधायक के लिए जीआरपी पानी की बोतल, और चाकरी में तैनात रहती है। फिर इनके लिए वह इंतजाम क्यों नहीं हुआ यह बड़ा सवाल है।

 

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