नई दिल्ली/नवप्रदेश। भिलाई स्टील प्लांट (bhilai steel plant) से सटे क्षेत्र में आगामी दिनों में रोजगार (employment) के अवसर बढ़ सकते हैं। दरअसल इस क्षेत्र में स्टील फैब्रिकेशन क्लस्टर (cluster of steel fabrication) विकसित करने की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (union minister dharmendra pradhan) ने भिलाई स्टील संयंत्र (bhilai steel plant) के आसपास स्टील फैब्रिकेशन क्लस्टर (cluster of steel fabrication) विकसित करने की विस्तृत कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार करने और स्टील फैब्रिकेटरों की स्टील जरूरतों को पूरा करने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की है।
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प्रधान (union minister dharmendra pradhan) की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुयी इस बैठक में इस्पात मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, आईएनएसडीएजी , स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और सेल के आस-आस के स्टील फैब्रिकेटरों के अधिकारियों ने भाग लिया।
क्लस्टर के ये होंगे फायदे
स्टील फैब्रिकेशन क्लस्टर के विकास की यह संकल्पना इस क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देगी, रोजगार पैदा करने मेें सहायक होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी। यह प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत बनाने की भावना के अनुकूल है।
केंद्रीय मंत्रीय ने संयंत्र के सीईओ को दिए ये निर्देश
प्रधान ने भिलाई स्टील संयंत्र के सीईओ को दुर्ग जिले में स्टील फैब्रिकेटर की स्टील प्लेट की जरूरतों को पूरी तरह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये और कहा कि इस तरह की खरीद के दौरान आने वाली किसी भी तरह की रुकावट का निदान किया जाय। प्रधान ने रेलवे की तर्ज पर, जो कि बड़े पैमाने पर इस्पात पुलों का उपयोग कर रहा है, सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्मित पुलों में इस्पात के उपयोग को बढ़ाने की रणनीति पर भी चर्चा की ।