कोल्हापुर/ए.। भाईदूज (bhai dooj) के दिन ही एक बहन को अपने शहीद भाई को नम आंखों से अंतिम विदाई देनी पड़ी। दरअसल जम्मू कश्मीर मेंं पाकिस्तान के कायराना हमले में महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले ऋषिकेश जोंधड़े शहीद हो गए थे। भाईदूज (bhai dooj) के दिन यानी सोमवार को ऋषिकेश के गांव बहिरेवाडी में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
पार्थिव देह को देख फूट-फूट कर रो पड़े
एक ओर जहां आम नागरिक ऋषिकेश जोंधड़े अमर रहे के नारे लगा रहे थे। वहीं दूसरी ओर ऋषिकेश की पार्थिव देह को देखकर उनकी मां, बहन व पिता फूट फूट कर रो रहे थे।
उम्र के 20वें साल में देश के लिए दिया बलिदान
उम्र के मात्र 20वें वर्ष में ऋषिकेश ने देश के लिए अपना बलिदान दिया। वे 6 मराठा रेजिमेंट के जवान थे। राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने के बाद दो साल पहले वे भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। लॉकडाउन की अवधि में वे 120 दिन के लिए अपने गांव आए थे। 11 जून को वे फिर अपनी ड्यूटी पर चले गए थे।
13 नवंबर को हुए शहीद
जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में 13 नवंबर को जम्मू कश्मरीर के उरी व गुरेज सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम का उल्लंघटन कर गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में भारत के पांच जवान शहीद हुए थे। जबकि तीन नागरिक भी मारे गए थे। इनमें महाराष्ट्र के दो जवान शहीद हुए थे। इनमें ऋषिकेश के अलावा नागपुर जिले के काटोल के भूषण सतई शामिल थे। ऋिषकेेश का भाई दूज के दिन अंतिम संस्कार किया गया।