नयी दिल्ली। युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (batsman Prithvi Shaw) ने कहा कि जब उन पर लगे डोपिंग बैन (Doping ban) के समय क्रिकेट (cricket) से दूर रहना (away live) किसी टॉर्चर (torture) से कम नहीं था। 20 वर्षीय युवा बल्लेबाज ने दिल्ली कैपिटल्स के साथ इंस्ट्राग्राम सत्र पर बातचीत के दौरान क्रिकेट से दूर रहने के अपने दर्द को साझा किया।
कुछ समय लंदन में गुजारा
युवा बल्लेबाज पृथ्वी (batsman Prithvi Shaw) ने कहा, यह मेरी गलती थी और क्रिकेट से दूर रहने का समय किसी टॉर्चर से कम नहीं था। सवाल और संदेह उठे थे लेकिन मैंने अपना विश्वास बनाये रखा। मैंने कुछ समय लंदन में गुजारा जहां मैंने अपना समय अपनी फिटनेस पर गुजारा क्योंकि मुझे कहीं भी बल्लेबाजी करने की अनुमति नहीं थी।
खुद को साबित करने बेताब था
जब मुझ पर से प्रतिबंध हटा तो मैं घरेलू क्रिकेट में लौटा और तब मैं पहले से ज्यादा खुद को साबित करने के लिए बेताब था। मैंने जब बल्ला उठाया तो मैंने महसूस किया कि मेरी लय में कोई अंतर नहीं आया है। इस समय ने मुझे पहले से ज्यादा प्रतिबद्ध बनाया।