Bastar Tourism Safety : बस्तर का प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात एक बार फिर दर्दनाक हादसे का केंद्र बना। धरमपुरा निवासी 21 वर्षीय अभय नारायण सिंह गुरुवार को दोस्तों संग पिकनिक मनाने पहुंचे थे। नहाने के दौरान वे तेज धार में बह गए और डूबकर उनकी मौत हो गई।
सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और जिला बाढ़ बचाव दल मौके पर पहुंचे। लेकिन पानी का तेज बहाव और अंधेरा होने के कारण रातभर तलाशी अभियान रोकना पड़ा। शुक्रवार सुबह दोबारा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसके बाद युवक का शव प्रपात से कुछ दूरी पर बरामद हुआ।
लगातार हो रहे हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले तीन महीनों में बस्तर के (Bastar Tourism Safety)जलप्रपातों पर 10 से अधिक पर्यटकों की मौत हो चुकी है।
तीरथगढ़ जलप्रपात (जून 2025) : 17 वर्षीय पवन सात्विक राव सेल्फी लेते वक्त फिसलकर डूब गए।
मेंद्रीघूमर जलप्रपात (मई 2025) : दो पर्यटक 100 फीट गहरी खाई में गिरकर मारे गए।
चित्रकोट और अन्य प्रपातों पर भी इसी तरह के हादसे होते रहे हैं।
सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नाकाफी?
स्थानीय लोगों और पर्यटकों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ हादसों के बाद सक्रिय होता है।
जलप्रपातों पर बैरिकेड और चेतावनी बोर्ड सीमित जगहों पर ही लगे हैं।
पर्याप्त संख्या में लाइफ गार्ड्स और रेस्क्यू टीम मौजूद नहीं रहती।
बरसात और पिकनिक सीज़न में भीड़ बढ़ जाती है, लेकिन सुरक्षा मानक वही पुराने रहते हैं।
पर्यटन और सुरक्षा का संतुलन
विशेषज्ञों का मानना है कि बस्तर की पहचान उसके झरनों और प्राकृतिक खूबसूरती से है, लेकिन अगर सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई तो यह पर्यटन(Bastar Tourism Safety) उद्योग को नुकसान पहुँचा सकती है। स्थायी उपाय जैसे फेंसिंग, सीसीटीवी निगरानी, आपातकालीन हेल्पलाइन और प्रशिक्षित गार्ड्स की तैनाती अब जरूरी हो गई है।