मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर में माओवादी गतिविधियाँ अब तेजी से कमजोर हो रही हैं और क्षेत्र माओवाद समाप्ति की दिशा (Bastar Maoism Decline) में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि ‘नियद नेल्लानार योजना’ के माध्यम से अंदरूनी गांवों के लोगों को शासन की मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीण अब मुख्यधारा में तेजी से आ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय कोण्डागांव में गाड़ा समाज द्वारा आयोजित बूढ़ादेव महोत्सव में ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगभग दो वर्षों की अल्पावधि में अधिकांश गारंटियों को पूरा कर चुकी है और छत्तीसगढ़ को समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 127 करोड़ रुपए की लागत से 61 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने कोनगुड़–धनोरा मार्ग निर्माण के लिए 90 लाख रुपए तथा केशकाल–विश्रामपुरी मार्ग के लिए 39 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी। इसी तरह ग्राम कुधूर में अनुसूचित जनजाति बालिका 100-सीटर छात्रावास (Kondagaon Development Works) के लिए 2.71 करोड़ रुपए की घोषणा भी की। उन्होंने बहुउद्देशीय केंद्र, दिव्यांग सेंटर और कोचिंग सेंटर के लिए 1.5 करोड़ रुपए प्रदाय करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘Journey of Dignity: Story of NRLM Kondagaon’ नामक कॉफी टेबल बुक, प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल पुस्तिका, उच्च जोखिम गर्भावस्था हेतु हेल्पलाइन नंबर, हेलमेट बैंक और सुपोषित विकास चार्ट का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेशभर में रजत महोत्सव (Chhattisgarh Silver Jubilee) मनाया जा रहा है और जनता की भागीदारी से विकास लगातार गति पकड़ रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध बस्तर में अब शांति और विकास का वातावरण तेजी से बन रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों से 15 नवंबर से धान खरीदी (Paddy Procurement CG) शुरू कर दी गई है, और महतारी वंदन, तेंदूपत्ता संग्राहक कल्याण तथा चरण पादुका जैसी योजनाएँ निरंतर हितग्राहियों को लाभ पहुँचा रही हैं। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों से बच्चों की उत्तम शिक्षा पर विशेष जोर देने की अपील भी की।
इस दौरान वन मंत्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, सांसद महेश कश्यप, भोजराज नाग सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गाड़ा समाज के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे। मुख्यमंत्री का स्वागत पारम्परिक मोहरी वाद्ययंत्र के सामूहिक वादन से किया गया तथा उन्होंने बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की मंगलकामनाएँ कीं।

