रायपुर/नवप्रदेश। Bastar Dussehra : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दो दिवसीय बस्तर दौरे पर हैं। मुख्यमंत्री बघेल बस्तर दशहरा में शामिल होने दो दिवसीय प्रवास पर जगदलपुर पहुंचे। रविवार को जगदलपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, विधायक, निगम मंडल के अध्यक्ष और जगदलपुर नगर निगम की अध्यक्ष सफीरा साहू मौजूद थीं। उल्लेखनीय है कि 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व के समापन अवसर पर मुरिया दरबार का आयोजन परम्परा के अनुसार किया जाता है, जिसमे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप प्रज्जवलित किया, जिसके बाद मुरिया दरबार में कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
CM बघेल ने की तीन घोषणाएं
मुरिया दरबार (Bastar Dussehra) में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मेंबर और मेंबरीन से संवाद करने के साथ ही पुजारी को मानदेय राशि का वितरण किया। इस अवसर पर बस्तर दशहरे के दौरान हुई सुविधा-असुविधा के बारे में सवाल करने के साथ समस्याओं को हल करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश ने तीन घोषणा भी की। जिसमे मंदिर समिति में एक लिपिक और एक भृत्य की भर्ती किये जाने निर्देशित किया। जगदलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का नामकरण वीर झाड़ा सिरहा के नाम पर किया जाने की घोषणा की। साथ ही दंतेश्वरी मंदिर में आधुनिक ज्योति कक्ष का निर्माण किये जाने की घोषणा भी की।
परम्परिक नृत्य में हुए शामिल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दरबार में जाने से पहले जगदलपुर में मुंडा बाजा बजाकर मुंडा जनजाति के पारंपरिक नृत्य में शामिल हुए। इसके पहले मुंडा जनजाति के लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पारंपरिक तरीके (Bastar Dussehra) से स्वागत किया। स्वागत नृत्य के समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुंडा बाजा बजने खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने मुंडा बाजा के साथ नृत्य भी किया। मुंडा जनजाति के स्वागत के बाद भूपेश बघेल माता दंतेश्वरी के दर्शन पूजा के लिए मंदिर पहुंचे।
वहीं मुख्यमंत्री बघेल जगदलपुर पहुँचने के बाद ही मां दन्तेश्वरी एयरपोर्ट में ही यात्री सुविधाओं के विस्तार के तहत लगेज कन्वेयर बेल्ट का भी शुभारंभ किया।