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Banking Fraud India 2025 : 6 महीने में 21,367 करोड़ की धोखाधड़ी, कर्ज फ्राड 31,911 करोड़ तक पहुंचे

Banking Fraud India 2025

Banking Fraud India 2025

चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में बैंकिंग धोखाधड़ी (Banking Fraud India 2025) के मामलों की संख्या में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन इनमें शामिल रकम ने नियामकों और बैंकिंग सिस्टम की चिंता बढ़ा दी है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सोमवार को जारी रिपोर्ट ‘Trend and Progress of Banking in India 2024-25’ के अनुसार, अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच बैंकिंग फ्राड की राशि बढ़कर 21,367 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि इसी अवधि में पिछले वर्ष यह 16,659 करोड़ रुपये थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवधि में धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की संख्या 18,386 से घटकर 5,092 रह गई, लेकिन कम मामलों में ही ज्यादा बड़ा वित्तीय नुकसान सामने आया है। आरबीआइ ने इसे गंभीर प्रवृत्ति बताते हुए कहा है कि बड़े और संगठित फ्राड बैंकिंग प्रणाली के लिए ज्यादा जोखिम पैदा कर रहे हैं।

पुराने मामलों की दोबारा रिपोर्टिंग से बढ़ी राशि

आरबीआइ ने स्पष्ट किया है कि फ्राड राशि में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च 2023 के फैसले के अनुपालन में पुराने मामलों की दोबारा रिपोर्टिंग के कारण हुई है। रिपोर्टिंग की तारीख के आधार पर देखें तो वित्त वर्ष 2024-25 में फ्राड के कुल 23,879 मामले दर्ज किए गए, जिनमें शामिल राशि 34,771 करोड़ रुपये रही। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की तुलना में फ्राड राशि में तीन गुना से अधिक वृद्धि दर्शाता है।

कर्ज फ्राड सबसे बड़ा खतरा

रिपोर्ट की सबसे अहम बात यह है कि कर्ज (Advance/Loan) से जुड़े फ्राड की राशि बढ़कर 31,911 करोड़ रुपये पहुंच गई, जो कुल धोखाधड़ी राशि का बड़ा हिस्सा है। आरबीआइ ने कहा कि बैंकिंग फ्राड न केवल वित्तीय नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि बैंकों की प्रतिष्ठा, परिचालन क्षमता और ग्राहकों के भरोसे को भी कमजोर करते हैं।

म्यूल अकाउंट पर शिकंजा, AI की मदद

आरबीआइ ने फ्राड रोकने के लिए तकनीक के इस्तेमाल को तेज किया है। रिपोर्ट में बताया गया कि म्यूल अकाउंट (दूसरों के खातों का अवैध इस्तेमाल) पर रोक लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ‘MuleHunter.AI’ प्रणाली लागू की गई है। यह तकनीक आरबीआइ की सब्सिडियरी रिजर्व बैंक इनोवेशन हब ने विकसित की है और इसे 17 दिसंबर 2025 को एक साथ 23 बैंकों में लागू किया गया। इससे संदिग्ध खातों की पहचान पहले ही चरण में संभव हो सकेगी।

गलत बिक्री पर भी कड़े कदम

आरबीआइ ने संकेत दिए हैं कि वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की गलत बिक्री (Mis-selling) रोकने के लिए जल्द ही नए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। इसमें विज्ञापन, मार्केटिंग और रिकवरी एजेंटों से जुड़े नियमों की समीक्षा की जाएगी,

ताकि ग्राहकों के हितों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आरबीआइ का निष्कर्ष है कि मजबूत बैंकिंग सिस्टम अर्थव्यवस्था के जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है, लेकिन बढ़ती फ्राड राशि पर प्रभावी नियंत्रण समय की जरूरत है।

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