नई दिल्ली। Bank increased MCLR : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सभी लोन अवधियों के लिए एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट) में 10 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी की है।
यह बढ़ोतरी 15 अप्रैल 2022 से प्रभावी हो गई है। इसका असर सीधे तौर पर बैंक के उन ग्राहकों पर पड़ सकता है, जो लोन लेंगे। एमसीएलआर में बढ़ोतरी (Bank increased MCLR) से अब बैंक के होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन आदि महंगे हो सकते हैं।
अवधि | पुराना एमसीएलआर (प्रतिशत में) | संशोधित एमसीएलआर (प्रतिशत में) |
एक रात | 6.65 | 6.75 |
एक महीना | 6.65 | 6.75 |
तीन महीना | 6.65 | 6.75 |
छह महीना | 6.95 | 7.05 |
एक साल | 7.00 | 7.10 |
दो साल | 7.20 | 7.30 |
तीन साल | 7.30 | 7.40 |
हालांकि, आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने इसी महीने अपनी मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 4 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था। इसके बावजूद, अभी एसबीआई ने एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है।
एमसीएलआर क्या है?
एमसीएलआर, न्यूनतम ब्याज दर होती है, जिस पर बैंक लोन देता है। यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है, जो बैंकों द्वारा ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके तहत बैंक फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दरों पर लोन देते हैं। ऐसे में आम तौर पर एमसीएलआर के बढ़ने से लोन महंगे होते हैं। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति ने पूर्व में फ्लोटिंग ब्याज दर पर लोन लिया है, तो उसके लोन की ब्याज दर भी बढ़ सकती है।
BoB ने भी बढ़ाया था एमसीएलआर
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने 12 अप्रैल 2022 से एमएलसीआर में 5 बीपीएस की वृद्धि की थी, जिसके बाद से एक साल की अवधि पर एमएलसीआर 7.35 प्रतिशत (Bank increased MCLR) हो गया। बैंक ने शेयर बाजार को बताया था कि उसने एमसीएलआर की समीक्षा को मंजूरी दी है।
इसके साथ ही, एक रात की अवधि के लिए एमसीएलआर 6.50 फीसदी, एक महीने की अवधि के लिए 6.95 फीसदी, तीन महीने की अवधि के लिए 7.10 फीसदी और छह महीने की अवधि के लिए 7.20 फीसदी हो गया था।