नई दिल्ली, नवप्रदेश। अक्सर देखा गया है को जब अपने बैंक अकाउंट से पैसा निकालने के लिए बैंक जाते है और अपने ही अकाउंट का चेक देते है तो बैंक में केशियर चेक के पीछे साइन करता है। जबकि चेक के बैंक साइड में तो उसके लिए जगह भी नहीं होती है।इसके पीछे का राज क्या है तो आइये जानते है इसके बारे (Bank Cheque Payment) में।
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मान लीजिये की कोई खाताधारक बैंक से अपने पैसे निकालने के लिए अपना छैक जमा कर देता है।केशियर उसे पैसे दे देता है।वो घर चला जाता है।मतलब काम खत्म हो गया।पैसे निकालने आय था पैसा निकालकर चला गया।
अब इसके दूसरे पहलू को देखो तो .क्या होगा जब थोड़े ही देर में वह आदमी केशीर से कहता है की मेरा टोकन खो गया (Bank Cheque Payment) है।आप मुझे पैसे दे दीजिये।अब केशियर के पास देने का कोई सबूत नहीं है। ऐसे में चेक के पीछे किये हुए साइन काम आते है।
ये मात्र नियमो के अनुसार बनाई गयी एक सुरक्षा व्यवस्था है।यह इसलिए भी किया जाता है की टोकन लेने के बाद अगर सच में वो उसे खो देता है और कोई गैर आदमी पैसे लेने बैंक आता है ,तो वो सही सिआन कर नहीं पाएगा और पकड़ा जाएगा।
जब बैंकर चेक से पैसे लेने वाला बाद में पैसे मिलने से माना करता है ,तब ये साइन सच समाने आ सकते है।आपको पता होगा की बीआरर चेक से बड़ी रकम निकालने वाले के साइन उसके पेन पेन कार्ड से मिलाने के बाद ही केशियर उसे पैसे दे देता है।साथ में उसका पेन नंबर भी लिख देता है।बेक ये सारे काम केवल आपके पेसो की सुरक्षा के लिए ही करती (Bank Cheque Payment) है।
इस बात का ध्यान रखना चाहिए की बैंक चेक का एक निक्षित समय होता है।चेक की वैधता 6 महीने है।अगर आपने आज की तारीख डालकर किसी को चेक दे दिया है और वह उस चेक को 6 महीने से ज्यादा समय के बाद बैंक से केश कराने जाता है तो वह चेक काम नहीं करेगा।