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Bango Dam लबालब, खुले 3 गेट, छोड़ा गया 15 हजार क्यूसेक पानी

Bango Dam inundated, 3 gates open, 15 thousand cusecs of water released

Bango Dam

निचले इलाकों पर प्रशासन की पैनी नजर, जल भराव की संभावना में प्रशासन मुस्तैद

कोरबा/नवप्रदेश। Bango Dam गुरुवार दोपहर माचाडोली स्थित मिनीमाता बांगो बांध के तीन गेट खोल दिए गए हैं। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर को सुरक्षित बनाए रखने के लिए आज बांध के तीन गेट खोलकर लगभग 15 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है।

बांध से पानी छोडऩे की सूचना पहले ही निचले क्षेत्रों और नदी किनारे के गांवो में दे दी गई थी। बांध से नौ हजार क्यूसेक पानी जल विद्युत संयंत्र को भी लगातार दिया जा रहा है। जल विद्युत संयंत्र में जलापूर्ति और तीन गेट खोलकर छोड़े गए पानी को मिलाकर आज दोपहर को बांध से लगभग 24 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है। इस पानी के देर रात तक हसदेव बॅराज दर्री तक पहुंचने की संभावना है। पहले ही दर्री बॅराज के दो गेट खोलकर पानी नदी पर छोड़ा गया है।

मिनीमाता बांगो बांध (Bango Dam) परियोजना के कार्यपालन अभियंता केशव कुमार ने बताया कि चालू मानसून मौसम में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण जिले का मिनीमाता बांगो बांध पानी से लबालब भर गया है। बांध के जलग्रहण क्षेत्र में रूक-रूक कर हो रही बारिश से बांध का जल स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। बांध का जलस्तर अपने अधिकतम बिंदु से लगभग डेढ़ मीटर ही बचा है।

बांध का अधिकतम जलस्तर 359.66 मीटर निर्धारित है और वर्तमान में बांध में 358.30 मीटर तक पानी भर चुका है। बांध में जलभराव की स्थिति को देखते हुए ने आज दोपहर सवा तीन बजे बांध के तीन गेट खोले गए हैं। बांध के गेट नंबर पांच को 0.75 मीटर, गेट नंबर 06 को एक मीटर और गेट नंबर सात को 0.75 मीटर खोलकर 14 हजार 929 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है।

प्रशासन द्वारा पहले ही बांध केे निचले क्षेत्रों में और नदी किनारे रहने वाले लोगो की सुरक्षा के लिए दूसरे सुरक्षित स्थानों पर जाने की सूचना जारी की गई है। नदी किनारे रहने वाले लोगो से पानी छोड़े जाने की स्थिति में जानमाल के नुकसान से बचने के लिए सुरक्षित स्थानो पर जाने को कहा गया है। बांगो बांध (Bango Dam) से प्रभावित गांवो और आबादियों में मुनादी आदि करा कर भी लोगो को सुरक्षित जगहों पर जाने की सूचना दी गई है। जलभराव की स्थिति वाले क्षेत्रों पर प्रशासन की पैनी नजर है।

बाढ़ क्षेत्र में आने वाले ग्रामों के नाम

बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, पाराघाट, छिनमेर, सिरकीकला, केरा, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्रापारा, डग्गुपारा, करमीपारा, जूनापारा, लोरीडांड, टुंगमुड़ा, तिलाईडाड, नवागांव, झोरा, कौेरीघाट, पोंड़ीखोहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोटलोटा, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहडिय़ा, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली आदि हैं।

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