रायपुर, 21 मई। Bangladeshi Infiltrators : छत्तीसगढ़ में अब अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई का नया अध्याय शुरू हो चुका है। देश की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से राज्य के 33 जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य है — बांग्लादेशी और रोहिंगिया घुसपैठियों की पहचान और निष्कासन।
इस विशेष अभियान को जिला स्तर पर एडिशनल एसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों की निगरानी में संचालित किया जा रहा है। हर जिले में स्थानीय पुलिस बल के साथ STF का सक्रिय समन्वय किया जा रहा (Bangladeshi Infiltrators)है ताकि तलाशी अभियान सुचारू रूप से चल सके।
राजनांदगांव बना केंद्र बिंदु
राजनांदगांव को इस अभियान में मुख्य ज़ोन के रूप में चुना गया है। यहाँ एएसपी राहुल देव शर्मा के नेतृत्व में सबसे बड़ी STF टीम का गठन हुआ है, जिसमें चार डीएसपी और 16 निरीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल हैं। ज्ञात हो कि राजनांदगांव में बांग्लादेशी घुसपैठ के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिससे इसे ‘हाई-सेंसिटिव’ ज़ोन माना गया है।
5 जून: पहली रणनीतिक बैठक
सभी जिलों की टीमों को 5 जून को रायपुर में आयोजित पहली संयुक्त बैठक में बुलाया गया है। इस बैठक में केंद्र सरकार से प्राप्त निर्देशों की व्याख्या, तलाशी की रणनीति, स्थानीय सहयोग की योजना और इंटेलिजेंस शेयरिंग मैकेनिज्म पर चर्चा की (Bangladeshi Infiltrators)जाएगी।
ADG इंटेलिजेंस अमित कुमार का बड़ा बयान
एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत उठाया गया है। उन्होंने कहा:
“देशभर में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्यवाही तेज है और छत्तीसगढ़ में यह मिशन अब ज़मीन पर उतर चुका है। सभी जिलों में टीम तैनात कर दी गई (Bangladeshi Infiltrators)है और प्राथमिक स्तर की कार्यवाहियाँ भी शुरू हो गई हैं।”
नक्सल प्रभावित जिलों में भी अभियान तेज
यह कार्रवाई केवल शहरी या सीमावर्ती क्षेत्रों तक सीमित नहीं है। नक्सल प्रभावित इलाकों जैसे बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा में भी STF की टीमें सक्रिय की गई (Bangladeshi Infiltrators)हैं। इसका उद्देश्य केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि सामाजिक संरचना को सुरक्षित रखना भी है।