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Bandhavgarh Tiger Video : गांव में पहुंचा बाघ, बेखौफ वीडियो बनाते रहे ग्रामीण

Bandhavgarh Tiger Video

Bandhavgarh Tiger Video

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Video) के पनपथा रेंज के चंसुरा गांव के पास बुधवार को एक बाघ ने मवेशी का शिकार किया। इसके बाद वह गांव में पहुंच गया। बाघ को देखकर ग्रामीण उसके पीछे-पीछे वीडियो बनाते नजर आए। कुछ ग्रामीणों ने बाघ पर पत्थर भी फेंके। इस दौरान बाघ दहाड़ते हुए कुछ देर तक गांव में घूमता रहा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। एक अन्य वीडियो में घर की छत पर खड़े लोग बाघ की तरफ पत्थर उछालते दिख रहे हैं। बाघ अचानक पलटा और दहाड़ लगाकर उनकी दिशा में देखने लगा। गनीमत रही कि किसी को कोई चोट नहीं आई।

वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची

सूचना मिलते ही पार्क प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और हाथी की मदद से बाघ को वन क्षेत्र की ओर खदेड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पनपथा रेंज में दो बाघ सक्रिय हैं और कई बार गांव की सीमाओं के नजदीक देखे गए हैं। बाघ को देखकर ग्रामीणों का उसके करीब जाना और पत्थर फेंकना अत्यंत जोखिमपूर्ण व्यवहार बताया जा रहा है। वन विभाग (MP Wildlife) ने कहा कि जंगली जानवरों के इतने करीब जाना न केवल व्यक्ति की जान के लिए खतरा है, बल्कि जानवर के लिए भी तनावपूर्ण स्थिति पैदा करता है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे ऐसी स्थिति में तुरंत वन विभाग को सूचना दें और खुद को सुरक्षित दूरी पर रखें।

बाघ की गतिविधि पर निगरानी

अधिकारियों के अनुसार, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Tiger in Village) क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है। वन कर्मी लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी बाघ की गतिविधि मानव बस्ती की ओर न बढ़े। साथ ही, बाघ के मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए कैमरा ट्रैप और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। चंसुरा गांव की यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है। वीडियो में दिख रहा है कि कई ग्रामीण मोबाइल से बाघ को रिकॉर्ड कर रहे हैं और कुछ लोग हंसते-बोलते उसकी ओर बढ़ भी रहे हैं। वन विभाग (Forest Department MP) ने इस वीडियो को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस तरह की हरकतें वन्यजीव संरक्षण नियमों का उल्लंघन हैं और भविष्य में ऐसे मामलों पर कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों ने दी चेतावनी

वन अधिकारियों ने कहा कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (MP Wildlife Rescue) क्षेत्र संवेदनशील है और यहां बाघों की आवाजाही सामान्य है। इसलिए किसी भी ग्रामीण को बिना अनुमति जंगली जानवरों के करीब नहीं जाना चाहिए। टीम ने बताया कि यदि ऐसी घटनाएं दोहराई जाती हैं तो ग्रामीणों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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