रायपुर/नवप्रदेश। Ban in CG : छत्तीसगढ़ सरकार ने गणेश चतुर्थी और दुर्गा उत्सव को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। नगरीय क्षेत्रों में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों के निर्माण पर रोका लगाई गई है। मूर्तियों का विसर्जन नदी, तालाब और घाट पर करने पर भी रोक लगाई गई है। आवश्यक कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को निर्देश दिया है। इसके अलावा त्योहारों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक
दरअसल अगस्त महीने में गणेश उत्सव (Ban in CG) शुरू होने जा रहा है। इसके लिए मूर्तिकारों ने पहले से मूर्तियां बनानी भी शुरू कर दी है लेकिन अकसर देखा जाता था कि मूर्तिकार मिट्टी से ज्यादा प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाते हैं। इसे रोकने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र लिखकर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।
एनजीटी नियमों का पालन के निर्देश
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा और अन्य सार्वजनिक त्यौहारों के अवसर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के साथ राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन किया जाए। तालाबों/घाटों पर विसर्जन के पहले पूजन सामग्री को अलग-अलग कर अलग रखा जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशानुसार नदी में मूर्तियों का विसर्जन किसी भी परिस्थिति में न किया जावे और नदी के जल को दूषित होने से बचाया जाए। इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशानुसार ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।
मूर्तिकारों को बड़ी मिलेगी राहत
गौरतलब है कि पिछले 2 साल से कोरोना महामारी (Ban in CG) के चलते गणेश और दुर्गा पूजा के लिए बनाई जा रही मूर्तियों के साइज और पंडाल में भीड़ को लेकर निर्देश जारी किया गया था लेकिन इस बार प्रशासन ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है। इससे मूर्तिकारों को बड़ी राहत मिलेगी। बता दें कि 31 अगस्त से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी। इसके बाद अगले महीने 26 सितंबर से दुर्गा पूजा भी प्रारंभ हो जाएगी। इसके लिए राज्य के मूर्तिकारों ने दो महीने पहले से मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया है।