लैब टेक्नीशियन की अभी तक नही हुई नियुक्ति
नवप्रदेश संवाददाता
बलौदाबाजार। करोड़ों रुपए की लागत से जलावर्धन योजना के तहत वॉटर फिल्टर प्लांट लगाए गए जिसमें प्रति वर्ष लाखों रुपए पानी फिल्टर करने खर्च करने के बाद भी आम नागरिकों को बिना ट्रीटमेंट किए ही जलापूर्ति कर नगर पंचायत द्वारा आम नागरिकों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है । क्योंकि फिल्टर प्लांट में पर्याप्त मात्रा में न तो एलम डाला जा रहा है और न ही चुना, फिर भी जलापूर्ति निर्बाध रूप से चल रहा है । कसडोल नगर में जलापूर्ति के लिए शासन द्वारा जलावर्धन योजना के तहत करोड़ों रुपए स्वीकृत किया गया था ताकि नगर वासियों को शुद्ध पेयजल मिल सके।प्रारंभ में पेयजल की आपूर्ति पी एच ई विभाग द्वारा किया जा रहा था, उस समय विभाग द्वारा पानी को ट्रीटमेंट करने के लिए आपरेटर रखा गया था और उसके बाद पी एच ई ने फिल्टर प्लांट सहित जलापूर्ति की जिम्मेदारी नगर पंचायत को सौंप दी ।नगर पंचायत द्वारा प्रारंभ में एलम एवं चूना तथा ब्लीचिंग पावडर डालकर पानी का ट्रीटमेंट किया जा रहा था लेकिन पिछले कुछ समय से नगर पंचायत द्वारा वॉटर फिल्टर प्लांट में ट्रीटमेंट में लापरवाही बरतने की शिकायतें मिल रही थी।शिकायत की वास्तविकता जानने हमारे कसडोल प्रतिनिधि ने फिल्टर प्लांट का मुआयना किया तो नागरिकों की शिकायत सही निकली।
फिल्टर प्लांट का मुआयना करने पर पाया गया कि प्लांट का सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर रहा है और पर्याप्त मात्रा में एलम ,चूना आदि नहीं था । नगर पंचायत द्वारा पेयजल को फिल्टर करने के लिए हर साल लाखों रुपए खर्च किया जाता है फिर भी नागरिकों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है।
लैब टेक्नीशियन की पोस्टिंग नहीं
नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनुभवी लेब टेक्नीशियन की आवश्यकता होती है , जब पी एच ई द्वारा फिल्टर प्लांट का संचालन किया जा रहा था तो एक लेब टेक्नीशियन रहता था जो आवश्यकता अनुसार एलम ,चूना , ब्लीचिंग आदि से जल शोधन करता था लेकिन जब से नगर पंचायत द्वारा संचालित किया जा रहा है तब से एक लेब टेक्नीशियन की आज तक नियुक्ति नहीं हो पाई है , नगर पंचायत के प्लेसमेंट के माध्यम से लगाए गए दैनिक मजदूरों के द्वारा फिल्टर प्लांट का संचालन किया जा रहा है।