बालोद/नवप्रदेश। बालोद (balod tiger) में बीते कुछ दिन से विचरण कर रहे बाघ ने रविवार को एक और गाय (kill cow) को अपना शिकार बनाया है। इस बार गाय (eat cow) को खाया भी। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, लाटाबोर के पेट्रोल पंप के पास बाघ द्वारा शिकार की गई गाय के कुछ अवशेष मिले हैं।
अचानकमार टाइगर रिजर्व से लाया गया हाथी व डाग स्क्वॉड
हालांकि रविवार को बाघ को पकडऩे केे लिए चलाए गए ऑपरेशन में वन विभाग को सफलता नहीं मिल सकी (could not be caught) । लेकिन अब उसे बालू के जरिए पकड़ा जाएगा। बालोद डीएफओ सतोविशा समाजदार ने नवप्रदेश को बताया कि पगमार्क के आधार पर बाघ के गुरुर-धमतरी के जंगल की ओर बढऩे की आशंका है। बाघ को पकडऩे के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व से प्रशिक्षित हाथी व डाग स्क्वॉड की टीम बालोद (balod tiger) बुलाई गई है।
कान्हा से आए एक्सपर्ट
मध्य प्रदेश स्थ्ति कान्हा नेशनल पार्क से बाघ को ट्रैंक्यूलाइज कर पकडऩे के लिए डॉक्टरों की टीम भी बुलाई गई है। एक्सपर्ट ने हाथी पर सवार होकर बाघ को खोजने की कोशिश की।
लेकिन इलाके में जंगल न होकर खेत होने और इन खेतों में कांटा तार की बाउंड्री लगी होने से हाथी को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं बाघ को पकडऩे के लिए चलाए गए ऑपरेशन के दौरान दुर्ग-बालोदा मार्ग को घंटों ब्लॉक कर दिया गया। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई (could not be caught)। डीएफओ समाजदार के मुताबिक अभी डॉग स्क्वॉड, हाथी व एक्सपर्ट की टीम बोलोद में ही रहेगी।
भूखा नहीं बाघ, अब बालू से पता चलेगी लोकेशन
रविवार को लाटाबोर में गाय के अवशेष मिलने से वनविभाग इस बात को लेकर निश्चिंत है कि बाघ भूखा नहीं है और वह स्वस्थ है। बाघ के सुरक्षित होने के संकेत से वन विभाग को राहत मिली है। जबकि पहले इलाके में गाय(kil cow) सिर्फ मृत मिलने से आशंका जताई जा रही थी कि या तो बाघ स्वस्थ नहीं होगा या फिर गाय (eat cow) की मौत की वजह दूसरी होगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब बाघ सटिक लोकेशन पता करने के लिए गुरुर व धमतरी के जंगल मेंं बालू बिछाई जा रही है। अभी पानी से गीली जमीन पर मिले बाघ के पगमार्ग से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह गुरुर व धमतरी के जंगल की ओर बढ़ा होगा। जैसे ही नए पगमार्क मिलेंगे उस इलाके में उसे पकडऩे का ऑपरेशन शुरू कर दिया जाएगा।
हमारा पूरा ध्यान यह सुनिश्चित करने में लगा है कि बाघ द्वारा किसी भी इंसान को नुकसान न पहुंचाया जाए। बाघ को सुरक्षित पकड़ना भी हमारी प्राथमिकता है। इसके मद्देनजर वनविभाग की टीम युद्ध स्तर काम कर रही है। बाघ को पकड़ने के लिए उसकी हलचल की आशंका वाले इलाकों में बालू बिछाई जा रही है।
-सतोविशा समाजदार, डीएफओ, बालोद