मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की घोषणा के अनुरूप, अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के बैगा, गुनिया और हड़जोड़ (Baiga Gunia Hadjod Yojana) समुदायों के चिन्हित पारंपरिक चिकित्सकों को प्रति वर्ष 5,000 रुपए की सम्मान सह-प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना को ‘मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना (अनुसूचित जनजाति) वर्ष 2025’ नाम दिया गया है। योजना से संबंधित विस्तृत अधिसूचना आदिम जाति विकास विभाग द्वारा 6 नवम्बर को जारी की गई है।
छत्तीसगढ़ के जनजातीय बाहुल्य इलाकों में वनौषधीय चिकित्सा प्रणाली (Baiga Gunia Hadjod Yojana) का गहरा प्रभाव रहा है, जहाँ बैगा, गुनिया और हड़जोड़ समुदाय सदियों से पारंपरिक जड़ी-बूटी उपचार विधि में दक्ष रहे हैं। उनके इसी योगदान को मान्यता देने और उनके पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस 15 नवम्बर 2024 को यह घोषणा की थी कि प्रत्येक चिन्हित व्यक्ति को प्रतिवर्ष 5,000 रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी।
आदिम जाति विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि ‘मुख्यमंत्री बैगा गुनिया हड़जोड़ सम्मान योजना (Baiga Gunia Hadjod Yojana)’ का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति और परंपरागत ज्ञान को सहेजना तथा वनौषधीय चिकित्सा में दक्ष पारंपरिक चिकित्सकों को आर्थिक सहयोग और सम्मान प्रदान करना है। योजना का एक और प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि इस परंपरा को आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रूप में पहुँचाया जा सके।
अधिसूचना में कहा गया है कि अनुसूचित क्षेत्रों के वे व्यक्ति, जो पिछले तीन वर्षों से वनौषधीय चिकित्सा सेवा से जुड़े हुए हैं, इस योजना के लिए पात्र होंगे। योजना में अनुसूचित जनजाति वर्ग के स्त्री, पुरुष और तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) व्यक्ति शामिल हैं, जो कम से कम 30 वर्षों से अपने क्षेत्र में सेवा दे रहे हैं और जिनके परिवार में यह ज्ञान दो पीढ़ियों से चला आ रहा है।
साथ ही, जो व्यक्ति आयुष विभाग, वन विभाग, पादप औषधि बोर्ड या लघु वनोपज संघ (Baiga Gunia Hadjod Yojana) जैसी पंजीकृत संस्थाओं से जुड़े हुए हैं, उनका चयन ग्राम स्तर पर किया जाएगा। ग्राम सभा द्वारा अनुशंसा किए गए नामों की पुष्टि ग्राम सचिव, सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और विद्यालय प्रधानपाठक के माध्यम से की जाएगी। जिला स्तर पर गठित समिति — जिसमें जनपद अध्यक्ष, अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्य, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और मंडल संयोजक शामिल होंगे — अंतिम चयन और सत्यापन करेगी।
सत्यापित सूची सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कार्यालय के माध्यम से कलेक्टर से अनुमोदित कराई जाएगी। तत्पश्चात प्रस्ताव आयुक्त, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग को भेजा जाएगा। विभाग द्वारा प्राप्त अनुमोदित सूची के अनुसार जिलों को आवश्यक राशि आवंटित की जाएगी और कलेक्टरों द्वारा पात्र व्यक्तियों को सम्मान राशि का वितरण किया जाएगा। यह सूची ग्राम सभाओं में सार्वजनिक रूप से घोषित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपराएँ हमारे सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक हैं। बैगा, गुनिया और हड़जोड़ समुदायों ने सदियों से लोक-चिकित्सा की परंपरा को जीवित रखा है। Baiga Gunia Hadjod Yojana के माध्यम से हम न केवल उनके ज्ञान को सम्मान दे रहे हैं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित कर रहे हैं।
जनजातीय चिकित्सा पद्धति को मिला सम्मान
सरकार की यह योजना बैगा, गुनिया और हड़जोड़ समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को दस्तावेजी रूप में सुरक्षित कर जनजातीय संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी। ग्राम पंचायतों और स्थानीय समितियों की अनुशंसा से पात्र व्यक्तियों की पहचान सुनिश्चित होगी। इससे योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जनभागीदारी दोनों सुनिश्चित होंगी।

