नई दिल्ली/नवप्रदेश। अयोध्या मामले (Ayodhya cases) को लेकर फिर हिन्दू पक्ष की ओर से हिन्दू महासभा (Hindu Mahasabha) के अलावा 40 समाज सेवियों (40 social workers) ने सुप्रीम कोर्ट (supreme cuout) में पुनर्विचार याचिका दायर (Reconsideration Petition filed) की है।
इस महासभा द्वारा अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने याचिका दायर की है। आयोध्या (Ayodhya cases) के ही कार्यकर्ता हर्ष मंदर समेत 40 समाज सेवियों ने इस पर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।
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इन सभी 40 समाज सेवियों की ओर से वकील प्रशांत भूषण दलीले पेश करेंगे। इस पुर्निविचार याचिका दायर (Reconsideration Petition filed) करने वाले समाजसेवियों का कहना है कि गत 9 नवंबर को आए फैसले में मालिकाना हक के मामल में नहीं दिए जाते और इस फैसले का असर आने वाली पीढिय़ों पर पड़ेगा।
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आने वाले समय में देश की भावी पीढि़ पर इसका बुरा असर पर पड़ सकता है। साथ ही हिन्दू महासभा की याचिका में सुन्नी वक्फबोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने के आदेश को चुनौती दी गई है। महासभा ने बाबरी विध्वंस को गैरकानूनी बताने वाली टिप्पणी को हटाने की सर्वोच्च न्यायालय से मांग की है।