रायपुर, नवप्रदेश। राज्यपाल अनुसुईया उइके आज आडिट दिवस के अवसर पर प्रधान महालेखाकार कार्यालय रायपुर में आयोजित ऑडिट सप्ताह-2022 में शामिल हुई। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक एवं उनके क्षेत्रीय कार्यालयों के कार्यों को संवेदनशील बताया। विभाग के कार्यों को अति महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस विभाग की ईमानदारी पर ही देश एवं राज्यों के आर्थिक सुदृढ़ता एवं विकास निर्भर करता है।
उन्होंने सेवानिवृत्त पेंशनधारियों के संबंध मं कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद समय पर सभी को पेंशन की राशि मिलने की प्रक्रिया प्रारंभ होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों के बेहतर विकास के लिए, केंद्र सरकार द्वारा आंबटित राशि के शत प्रतिशत उपयोग करने का भी आग्रह किया।
राज्यपाल उइके ने कार्यक्रम के अवसर पर बताया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यालय एवं उसके अंतर्गत आने वाले क्षेत्रीय कार्यालयों के द्वारा राज्य के विभिन्न लेखाओं, न्यायाधीशों, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, लोकायुक्तों एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के साथ विभिन्न संस्थाओं के लेखाओं का संधारण किया जाता है।
राज्यपाल ने इनके कार्यों को बहुत महत्वपूर्ण बताया। सी.ए.जी. की रिपोर्ट केन्द्र में संसद एवं राज्य में विधान सभाओं के समक्ष रखी जाती है और इस रिपोर्ट के आधार पर संसद की विभिन्न समिति अपने सुझाव सदन के पटल पर रखती है।
परिणामतः प्रशासन में कार्य-कुशलता, पारदर्शिता एवं उत्तर दायित्व की भावना बढ़ती है। उन्होंने कहा कि इन लेखा परीक्षण का उद्देश्य पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ, लाभार्थियों तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि आडिट रिपोर्ट के आधार पर ही राज्य एवं देश की आर्थिक सुदृढ़ता एवं विकास की दशा एवं दिशा तय होती है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी अधिकारी -कर्मचारी सावधानी एवं पूरी ईमानदारी और लगन से इस कार्य को करते हैं। जिससे आज हमारा देश एवं राज्य निरंतर प्रगति कर रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि सी.ए.जी. संस्था की विश्वसनीयता और मजबूती हमारे देश के साथ ही देश के बाहर भी बढ़ रही है। आज सी. ए. जी. विभिन्न अन्य देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों जैसे डब्ल्यू.एच.ओ., यू.एन. इत्यादि का लेखा परीक्षण कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सी.ए.जी. संस्था की इस उपलब्धि को उन्होंने प्रशंसनीय बताया।
राज्यपाल ने भारत जैसे संसदीय लोकतंत्र एवं संघात्मक व्यवस्था वाले देशों में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जैसी संस्थाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसकी महत्ता को देखते हुए ही, हमारे संविधान के निर्माताओं ने, संविधान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की स्वतंत्र भूमिका निर्धारित की है।
राज्यपाल ने कहा कि सी.ए.जी. द्वारा स्थानीय निकाय लेखा परीक्षा को सुदृढ़ करने का निर्णय स्थानीय निकायों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम है। यह स्थानीय निकायों को सृदृढ़ करते हुए निचले स्तर पर होने वाले विकास कार्याे को गति प्रदान करेगा।
राज्यपाल ने विश्वास जताया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संस्था, संविधान द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों एवं जिम्मेदारियों का निर्वहन और भी अधिक सक्रिय होकर करती रहेगी।
साथ ही आशा व्यक्त की कि यह संस्था विभिन्न सामाजिक सेवाओं एवं कार्यक्रमों के वितरण को, कुशलता पूर्वक और अधिक प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों का, कई बार विभिन्न कारणों से समय पर पेंशन प्रारंभ नहीं हो पाता है जिससे उन्हें कई तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सभी का पेंशन समय पर प्रारंभ होना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि आडिट रिपोर्ट में अक्सर, अनुसूचित क्षेत्र को आबंटित केंद्र की विशेष राशि का शत् प्रतिशत उपयोग नहीं होता है। राज्यपाल ने आग्रह किया इन क्षेत्रों के बेहतर विकास के लिए इस राशि को पूर्ण उपयोग करें।
आडिट सप्ताह कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही विभाग द्वारा निबंध, मैराथन जैसे विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। राज्यपाल ने इस अवसर पर विभिन्न विजित प्रतियोगियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के इस अवसर पर प्रधान महालेखाकार ( लेखा एवं हकदारी ) छत्तीसगढ़ श्री पी.सी. मांझी, छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा, प्रधान लेखाकार (लेखा परीक्षा) श्री यशवंत कुमार एवं महालेखाकार कार्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।