-कोविड 19 के चलते वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का पहला मरीज आया सामने
नई दिल्ली। Corona: कोरोना वायरस दिन पर दिन बेहद खतरनाक होता जा रहा है। अब एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि कोरोना का संक्रमण हमारी आवाज भी छीन सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोरोना संक्रमण स्वाद और गंध ही नहीं, आवाज भी छीन सकता है। कोविड 19 के चलते वोकल कॉर्ड पैरालिसिस (वोकल कॉर्ड पैरालिसिस) का पहला मरीज भी सामने आ गया है।
ध्वनि के लिए कितना खतरनाक है कोरोना?
संयुक्त राज्य अमेरिका के मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोरोना संक्रमण से न्यूरोलॉजिकल या न्यूरोपैथिक समस्याएं भी हो सकती हैं। इसकी वजह से वोकल कॉर्ड के पक्षाघात के मामले सामने आए हैं। जर्नल पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में कोरोना के कारण होने वाली अन्य गंभीर समस्याओं के बारे में भी सचेत किया गया है।
कोरोना ने छीन ली लड़की की आवाज –
संबंधित रिपोर्ट के मुताबिक, SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित होने के कुछ दिनों बाद 15 साल की एक लड़की को अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो पाया गया कि तंत्रिका तंत्र पर कोरोना के प्रभाव के कारण उन्हें वोकल कॉर्ड पैरालिसिस हो गया है। लड़की पहले से ही अस्थमा से पीडि़त थी। शोधकर्ताओं के अनुसार, एंडोस्कोपिक जांच में उसके वॉयस बॉक्स में दोनों वोकल कॉर्ड में समस्या का पता चला।
वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का पहला मरीज –
शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत के बाद से इस आयु वर्ग में वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का यह पहला मामला है। दरअसल, बुजुर्गों में इस तरह की समस्या देखी गई है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर क्रिस्टोफर हार्टनिक का कहना है कि कोरोना संक्रमण कई तरह की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे सिरदर्द, दिल का दौरा और परिधीय न्यूरोपैथी का कारण बन सकता है। साथ ही इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का कारण भी बन सकता है। इसके चलते इसे गंभीरता से लेना चाहिए और समय पर इलाज कराना चाहिए।