नई दिल्ली/नवप्रदेश। Attack on Aftab : देश-दुनिया में चर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपित आफताब पूनावाला हमले के दौरान हिंदू सेना के कार्यकर्ता दस मिनट के लिए आफताब को उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे।
उनका कहना था कि आफताब ने उनकी बहन श्रद्धा के 35 टुकड़े किए थे, अब वह उसके 70 टुकड़े कर देंगे। उनसे जब पूछा गया कि तलवार कहां से लेकर आए तो उन्होंने बताया कि वह एक गुरुद्वारे से तलवारें लेकर आए हैं। तलवारें ही नहीं, वह बंदूकें भी लाएंगे।
आफताब के लिए घात लगाए बैठे थे आरोपित
आफताब अमीन पूनावाला को लेकर जा रही पुलिस वैन पर सोमवार शाम को तलवारों से लैस लोगों द्वारा हमला किया जाना पुलिस की बड़ी विफलता मानी जा रही है। हमलावर एफएसएल लैब के बाहर हमले के लिए दिनभर घात लगाए टहलते रहे, लेकिन पुलिस के खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपित सुबह ही रोहिणी लैब के पास पहुंच गए थे। वह पहले से ही योजना बनाकर आए थे। इसके लिए आरोपित बकायदा गुरुद्वारे से तलवारें लेकर आए थे। कार को भी योजनाबद्ध तरीके से खड़ा किया गया।
योजना के अनुसार, आरोपितों ने पुलिस वैन के सामने कार लगाई और हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से कुछ देर के लिए वैन में सवार सुरक्षा कर्मी भी हक्के-बक्के रह गए। आरोपित किसी भी कीमत पर आफताब तक पहुंचना चाहते थे। अगर आफताब वैन में बने केबिन में बंद न होता, तो बड़ा हादसा हो सकता था।
तीन स्तर की होती है सुरक्षा
पुलिस वैन में तीन स्तर की सुरक्षा होती है। वैन के पीछे की ओर एक मुख्य दरवाजा होता है। उसके बाद दो केबिन में पुलिस कर्मी होते हैं और तीसरे में आरोपित को रखा जाता है। आरोपितों ने जैसे ही दरवाजा खोला, हथियारों से लैस पुलिस कर्मियों को देखकर वह पीछे हट गए।
200 मीटर पर है रोहिणी कोर्ट
यह घटना जहां घटी वहां से मात्र 200 मीटर पर ही रोहिणी कोर्ट (Attack on Aftab) है। रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा को लेकर भारी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं। अर्द्ध सैनिक बलों के जवान भी तैनात रहते हैं। बीते महीने कोर्ट में हुए हत्याकांड के बाद भी इस तरह की लापरवाही पुलिस पर सवालिया निशान खड़े कर रही हैं।