आतंक का अंत होता ही है। आतंकिस्तान जिस तरह आ बैल मुझे मार वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है, उसे देखते हुए उसके टुकड़ीस्तान बनने की उलटी गिनती शुरू हो गई है।
पीओके में आतंकिस्तान से आजादी की मांग को लेकर विद्रोह का बिगुल बज चुका है, जिसे कुचलने के लिए आतंकिस्तान के वर्दी वाले गुंडागर्दी पर उतर आए हैं।
मानवाधिकारों को बूटों तले रौंदा जा रहा है। पीओके से पाकिस्तान का पैकअप होना और उसका पैकअपीस्तान बनना तय है। इमरान खान यह समझ ले कि पीओके तो बस झांकी है अभी सिंध और बलूचिस्तान आदि बाकी है।