भिलाई/नवप्रदेश। एसोसिएशन (association) आफ इंजीनियरिंग एंड पोलीटेक्निक कालेज टीचर्स (गजेटेड आफिसर्स) ऑफ छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) ने शासन द्वारा अधिकारी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि (increment) रोके (stop) जाने पर ऐतराज जताया।
एसोसिएशन (association) ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वार्षिक वेतन वृद्धि (increment) पर रोक (stop) लगाने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए ।
वार्षिक वेतनवृद्धि (increment) पर रोक लगाने से शासन को बहुत बड़ी राशि की बचत नहीं होगी। इंक्रीमेंट कर्मचारियों के साल भर के परफॉर्मेंस के आधार पर 3% मिलता है ।अतः एसोसिएशन आफ इंजीनियरिंग एंड पोलीटेक्निक कालेज टीचर्स गजेटेड आफिसर्स आफ छत्तीसगढ़ द्वारा वेतन वृद्धि रोके जाने के निर्णय आपत्ति दर्ज की।
एकतरफा लिया गया निर्णय
एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष शंकर वराठे ने बताया कि मुख्यमंत्री के अपील पर प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों ने मार्च माह के वेतन से 72 करोड़ 67 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान दिया है और पुनः इस महीने के वेतन से 1 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया गया है। किंतु राज्य शासन द्वारा एक तरफा कर्मचारी संगठनों को विश्वास में लिए बिना वेतन वृद्धि के अधिकार से वंचित किया जाना न्यायोचित नहीं है।
संघ के निर्णय का समर्थन
छग कर्मचारी अधिकारी संघ की ओर से मुख्यमंत्री जी को सौंपे ज्ञापन में कर्मचारी अधिकारी विरोधी लिए निर्णय को असंवैधानिक करार दिया है। एसोसिएशन आफ इंजीनियरिंग एंड पोलीटेक्निक कालेज टीचर्स (गजेटेड आफिसर्स) आफ छत्तीसगढ़, छ.ग. कर्मचारी अधिकारी संघ द्वारा लिए निर्णय का समर्थन करता है। वराठे ने बताया कि एसोसिएशन आफ इंजीनियरिंग एंड पोलीटेक्निक कालेज टीचर्स गजेटेड आफिसर्स आफ छत्तीसगढ़, छ. ग. कर्मचारी अधिकारी संघ से संबद्धता रखता है अतः छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संघ द्वारा लिए गए निर्णय का समर्थन करता है।