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अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाई

Arvind Kejriwal called a meeting of Punjab MLAs in Delhi

Arvind Kejriwal called a meeting of Punjab MLA

-पंजाब में कैबिनेट बैठक स्थगित

नई दिल्ली। Arvind Kejriwal called a meeting of Punjab MLA: दिल्ली में आप को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली में भाजपा को बड़ी सफलता मिली है और उसने सरकार बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। दूसरी ओर, पंजाब में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। आप नेता अरविंद केजरीवाल एक्शन मोड में आ गए हैं। केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाई है। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों को 11 फरवरी को दिल्ली में बैठक के लिए बुलाया है। इसके चलते पंजाब में सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक स्थगित कर दी गई है।

बैठक का एजेंडा स्पष्ट नहीं

आप नेता अरविंद केजरीवाल की विधायकों से चर्चा के बाद कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए जा सकते हैं। कैबिनेट की बैठक पहले 6 फरवरी को होनी थी, लेकिन बाद में इसे 10 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया। केजरीवाल द्वारा बुलाई गई बैठक का एजेंडा अभी भी स्पष्ट नहीं है। आप संयोजकों द्वारा बुलाई गई बैठक (Arvind Kejriwal called a meeting of Punjab MLA) इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पंजाब के विधायकों के आचरण को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली की सत्ता हाथ से निकल गई है। ऐसे में पार्टी की पूरी जिम्मेदारी पंजाब पर है। राजनीतिक रूप से आम आदमी पार्टी को पंजाब में भी लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते अरविंद केजरीवाल अब एक्शन मोड में आ गए हैं।

कांग्रेस का दावा है कि पंजाब में आप का दबदबा बढ़ गया

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद कांग्रेस ने पंजाब में राजनीतिक समीकरण बदलने का दावा किया है। ऐसी अफवाहें हैं कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल अब पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की कोशिश कर रहे हैं। चर्चा है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पंजाब को मध्यावधि चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया है।

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि दिल्ली में करारी हार के बाद अरविंद केजरीवाल अब पंजाब जाएंगे, जहां वह राज्य का मुख्यमंत्री बनने का प्रयास करेंगे। कुछ दिन पहले आप के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पंजाब का मुख्यमंत्री हिंदू भी हो सकता है और मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति योग्य होना चाहिए तथा उसे हिंदू या सिख के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

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