नई दिल्ली/नवप्रदेश। बहुआयामी प्रतिभा के धनी अरुण जेटली (Arun Jaitley) को देश में अब तक के सबसे बड़े आर्थिक सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)(GST implementation) को लागू करने के शिल्पकार के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।
विपक्ष के सवालों का बड़ी हाजिर जवाबी और सरलता से उत्तर देने वाले जेटली ने जब एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को संसद के केंद्रीय कक्ष में अब तक के देश के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार के रूप में माने जाने वाले जीएसटी को लागू किया तो इसे लेकर काफी सवाल उठाए गए, किंतु एक मंझे हुए आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में अपने शेष दो वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने इसके रास्ते में आई सभी बाधाओं को दूर करने के साथ ही इसे सरल बनाने के लिए कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी।
गैर भाजपा शासित राज्यों को भी किया तैयार
जेटली ने जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए भाजपा शासित राज्यों ही नहीं बल्कि अन्य दलों की सरकार वाले राज्यों को भी तैयार किया। राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति देने की व्यवस्था कर उन्हें राजी करने के लिए उन्होंने जिस धैर्य का परिचय दिया उसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है। जीएसटी परिषद की एक-एक कर कई बैठकें की गयी।