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लेख: विष्णु सरकार की सुध से खेती-किसानी को नया सम्बल

Article: New support to farming due to Vishnu Sarkar's attention

Vishnu Sarkar's attention

Vishnu Sarkar’s attention : किसानों का मानना है कि राज्य सरकार के अब तक के फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार किसानों की हितैषी है। खेती-किसानी ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीेसगढ़ सरकार ने इस साल कृषि के बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की है।


छत्तीसगढ़ सरकार (Vishnu Sarkar’s attention ) ने अपने संकल्प के मुताबिक समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रूपए के मान से अंतर की राशि भी दे दी है। किसानों को प्रति क्विंटल के मान से 3100 रूपए के भुगतान की यह राशि देश में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत 10 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई अभिनव पहल की जा रही है। जशपुर जिले के कुनकुरी में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र तथा बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एवं प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी महाविद्यालय, सूरजपुर जिले के सिलफिली एवं रायगढ़ में शासकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, तथा मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के खडगंवा में कृषि महाविद्यालय खोलने की व्यवस्था बजट में की है। कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की स्थापना एवं राज्य स्तरीय नवीन कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला के भवन का निर्माण, दुर्ग एवं सरगुजा जिले में कृषि यंत्री कार्यालय तथा रासायनिक उर्वरकों की जांच के लिए सरगुजा जिले में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।

राज्य के किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8 हजार 500 करोड़ का लक्ष्य तथा भूमिहीन कृषि मजदूरों की सहायता हेतु दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन परिवारों को प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, सौर सुजला योजना के माध्यम से सिंचित रकबे में बढ़ोत्तरी का प्रयास किया जा रहा है।

नवीन सिंचाई योजना के लिए 300 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं के लिए 692 करोड़ रूपए, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रूपए एवं एनीकट तथा स्टाप डेम निर्माण के लिए 262 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। छत्तीसगढ़ में किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में सुधार, कृषि एवं सहायक गतिविधियां के लिए समन्वित प्रयास पर राज्य सरकार का फोकस है। चालू वित्तीय वर्ष कृषि बजट 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 13 हजार 435 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8500 करोड़ रूपए की साख सीमा छत्तीसगढ़़ सरकार ने तय की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय (Vishnu Sarkar’s attention ) ने वर्तमान खरीफ सीजन को देखते हुए राज्यभर की सहकारी समितियों में सोसायटियो में गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज भंडारण एवं उठाव की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को खाद-बीज के लिए किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसलिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने खेती-किसानी के दीर्घ अनुभव के आधार पर कहा है कि खरीफ सीजन में किसान भाईयों द्वारा डी.ए.पी. खाद की मांग ज्यादा की जाती है।

इसको ध्यान में रखते हुए डी.ए.पी. खाद की मांग और सप्लाई पर विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए। खाद-बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सेंम्पलिंग एवं प्रयोगशाला के माध्यम से जांच का विशेष अभियान संचालित किया जाए। खरीफ सीजन 2024-25 के लिए राज्य में 13.68 लाख मैट्रिक टन उर्वरकों की मांग के विरूद्ध अब तक 9.13 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है, जो मांग का 67 प्रतिशत है।

सोसायटियों में विभिन्न खरीफ फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। खरीफ सीजन 2024-25 में 5 लाख 59 हजार 203 क्विंटल बीज की मांग के विरूद्ध 6 लाख 39 हजार 4 क्विंटल बीज उपलब्ध है, जो कि मांग का 114 प्रतिशत है। सोसायटियों से किसान लगातार बीज का उठाव कर रहे है। अब तक 03 लाख 75 हजार क्विंटल बीज का उठाव किसानों ने किया है, जो कि बीज की डिमांड का 67 प्रतिशत है।

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