इंफाल। manipur violence: पिछले दो महीने से मणिपुर सुलग रहा है। दोनों समुदायों के बीच आरक्षण को लेकर विवाद हिंसक हो गया है। एक दूसरे पर जानलेवा हमले, गोलीबारी, विस्फोट किये जा रहे हैं। इस बीच अब भारतीय सेना ने पुलिस की मदद से कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले 24 घंटों में अलगाववादियों के 12 बंकर नष्ट किए गए है।
जब सेना कार्रवाई के लिए गई तो वे उस गांव के ग्रामीणों और महिलाओं उग्रवादियों को बचा रही है। हालांकि, सेना हालात को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई कर रही है। राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने तामेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में तलाशी अभियान चलाया गया जिसमें 12 बंकर को धवस्त कर दिया गया।
पुलिस को सहुमफई गांव में एक धान के खेत में तीन 51 मिमी मोर्टार गोले, तीन 84 मिमी मोर्टार और एक आईईडी मिला। आईडी को सेना ने नष्ट कर दिया है। वहीं कफ्र्यू का उल्लंघन, घरों में चोरी, आगजनी के मामले में पुलिस ने 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि अब तक कुल 1,100 हथियार, 13,702 राउंड गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम जब्त किए गए हैं।
क्या है तर्क…
पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में आरक्षण को लेकर कोकी कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष चल रहा है. दोनों समुदायों के बीच पहली बार तीन मई को झड़प हुई, जिसके बाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा जारी है। सांप्रदायिक हिंसा में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर की लगभग 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है, जो इंफाल घाटी में रहते हैं। जबकि आदिवासी-नगा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। मणिपुर करीब दो महीने से सुलग रहा है।