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मप्र की पिछड़ा वर्ग विभाग की मंत्री से अपाक्स के राष्ट्रीय महासचिव शैलेन्द्र वागद्रे और अशोक महाले ने की भेंट

APAX National General Secretary Shailendra Wagdre and Ashok Mahale met the Minister of Backward Classes Department of Madhya Pradesh

APAX National General Secretary Shailendra Wagdre

भोपाल/नवप्रदेश। APAX National General Secretary Shailendra Wagdre: अखिल भारतीय अपाक्स के राष्ट्रीय महासचिव व पिछड़ा वर्ग विषयों के राष्ट्रीय विशेषज्ञ इंजी. शैलेन्द्र वागद्रे एवं बीजेपी अवधपुरी मंडल महामंत्री (गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र भोपाल) इंजी. अशोक महाले ने मध्यप्रदेश की पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर से मुलाकात की। इस दौरान उनसे “पिछड़ा वर्ग को क्या मिला व क्या मिलना है?” विषय पर एक विवरण पुस्तिका भेंट कर चर्चा की।


इस अवसर पर ओबीसी आरक्षण का समर्थन करने, केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा ओबीसी हित में लिए गए पूर्व निर्णयों जैसे जाति प्रमाण पत्र बनवाने में 1984 के पूर्व के लिखित दस्तावेज की अनिवार्यता समाप्त करने, निजी व्यावसायिक कॉलेजों में आरक्षण देने, लोक सेवा केंद्रों की स्थापना, क्रीमीलेयर जाँच के लिए पीएसयू, बैंक कर्मचारियों के लिए भी पद का नियम बनाने, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को शक्तिशाली बनाने, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय व सैनिक स्कूलों के प्रवेश में 27 फीसदी ओबीसी को आरक्षण देने पर संगठन की ओर से आभार व्यक्त किया।

वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग उत्थान के ज्वलंत बिन्दु जिन पर सरकार की ओर से कार्यवाही अपेक्षित है को इंजी. शैलेन्द्र वागद्रे द्वारा उन्हें बिन्दुवार अवगत कराया गया। जैसे जाति प्रमाण पत्र से आय के प्रमाणीकरण का विलोपन, तहसीलों में शासकीय कर्मचारियों की क्रीमीलेयर जाँच वेतन की आय के स्थान पर पद की श्रेणी से कराई जाने, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पात्रता सीमा बढ़ाने।

क्रीमीलेयर की आय सीमा को 15 लाख रुपए करने, प्रदेश में 14 से 27 फीसदी किए गए अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को तमिलनाडु फॉर्मूले से संविधान की 9 वीं अनुसूची में डलवाकर न्यायालय के हस्तक्षेप से बचाने, प्रत्येक विकास खंड में पिछड़ा वर्ग छात्रावास व जिले में पिछड़ा वर्ग आवासीय विद्यालय स्थापित करने, क्रीमीलेयर का बंधन हटाने, ओबीसी को निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण, पदोन्नति में आरक्षण देने जैसे बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस पर मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने सभी बिन्दुओं पर गहन विचार कर उनका शीघ्र निराकरण करने आश्वासन दिया।

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