बिलासपुर, 5 जून| Anukampa Niyukti Dispute : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कर्मचारी की मौत के 12 साल बाद दायर की गई अनुकंपा नियुक्ति याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने खुद को मृतक कर्मचारी का पुत्र बताया था, लेकिन कोर्ट ने इसे साक्ष्य के अभाव में अस्वीकार कर दिया।
मामला क्या था?
गणेश नायडू, हाई कोर्ट में भृत्य के पद पर कार्यरत थे, जिनकी मृत्यु 16 जून 2010 को सेवा के दौरान हुई।
उनकी पत्नी पूजा नायडू, पहले से हाई कोर्ट में कार्यरत थीं और उनकी भी सेवा काल में मृत्यु हो गई।
उनकी बेटी ऋचा नायडू को अनुकंपा नियुक्ति मिली, जो बाद में रद्द कर दी गई।
याचिकाकर्ता कौन था?
नीलकांत नायडू नामक युवक ने 2022 में दावा किया कि वह गणेश नायडू और उनकी दूसरी पत्नी रेशमा का पुत्र है।
उसने कहा कि परिवार की अन्य बेटियां दावा नहीं कर रही हैं, इसलिए उसे अनुकंपा नियुक्ति मिलनी चाहिए।
कोर्ट का क्या फैसला रहा?
मृतक कर्मचारी के नामांकन दस्तावेज, परिवार सूची, और पत्नी पूजा नायडू के हलफनामे में नीलकांत का कोई उल्लेख नहीं मिला।
अदालत ने कहा कि यह साबित नहीं हो सका कि नीलकांत, गणेश नायडू का बेटा है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पत्नी सेवा में होने की स्थिति में अनुकंपा नियुक्ति का नियम लागू नहीं होता।
याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि रिश्ते का विवाद सिविल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है, न कि हाई कोर्ट के।