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भावनात्मक रूप से समृद्ध अदाकारी के लिए खूब सराहना बटोर रही अनुजा साठे

Anuja Sathe garnering a lot of appreciation for her emotionally rich performance

Anuja Sathe garnering a lot of appreciation

मुंबई । Anuja Sathe garnering a lot of appreciation : सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का ऐतिहासिक मेगा शो ‘चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान’ अपने गहन कथानक और दमदार अभिनय से दर्शकों को लगातार मंत्रमुग्ध कर रहा है। एक ऐसे बालक की यात्रा को दर्शाते हुए, जो राजा बनने के लिए नियत है, यह शो विरासत, नेतृत्व और वीरता की प्रेरक कहानी पेश करता है। इस शो में एक अहम् भूमिका निभा रहीं अभिनेत्री अनुजा साठे अपनी प्रभावशाली और भावनात्मक रूप से समृद्ध अदाकारी के लिए खूब सराहना बटोर रही हैं। कम ही लोग जानते हैं कि अनुजा खुद को संतुलित और केंद्रित बनाए रखने के लिए एक विशेष मानसिक अभ्यास अपनाती हैं, विशेष रूप से उन दृश्यों के दौरान जो भावनात्मक रूप से भारी होते हैं।

भावनात्मक गहराई वाले दृश्यों को निभाना न केवल चुनौतीपूर्ण होता है, बल्कि मानसिक रूप से थकाने वाला भी हो सकता है। अनुजा के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना ही उनके प्रभावी प्रदर्शन की कुँजी है। अपने अभिनय में जमीन से जुड़ी और सच्ची उपस्थिति के लिए जानी जाने वालीं अनुजा ने एक ऐसी दिनचर्या विकसित की है, जो उन्हें शांत, एकाग्र और भावनात्मक रूप से उपस्थित रहने में मदद करती है। मुश्किल शूटिंग शेड्यूल और भावनात्मक रूप से माँग वाले दृश्यों के बीच सहजता बनाए रखने के लिए अनुजा अपने दिन की शुरुआत कुछ मिनटों के ध्यान (मेडिटेशन) से करती हैं।

शॉट्स के बीच वे शांतिदायक भाषण और मधुर वाद्य संगीत सुनती हैं, ताकि मन शांत रहे। ये छोटे लेकिन ध्यानपूर्ण अभ्यास उन्हें अपने किरदार में सहजता से प्रवेश करने और लंबे, व्यस्त शूटिंग दिनों में स्थिर बने रहने में मदद करते हैं।
अपनी प्रक्रिया साझा करते हुए अनुजा ने कहा, “ऐसे युग की भूमिका निभाना, जिसमें भावनात्मक गहराई और गरिमा हो, पूरी तरह से उस किरदार में डूबने की माँग करता है।

इसके लिए मुझे एक ऐसी प्रक्रिया विकसित करनी पड़ी, जो मुझे शूटिंग के शोरगुल के बीच भी केंद्रित बनाए रखे। मैंने समय के साथ जाना कि ध्यान और शांत संगीत मेरे लिए एंकर का काम करते हैं। जब कोई भावनात्मक रूप से भारी सीन करना होता है, तो मैं एक शांत कोना ढूँढती हूँ, आँखें बंद करती हूँ और बस शाँति से साँस लेती हूँ। मैं अक्सर सॉफ्ट इंस्ट्रूमेंटल ट्रैक्स या श्री एम जैसे सुकून देने वाले वक्ताओं को सुनती हूँ, क्योंकि ये मेरे मन के भीतर की बेचैनी को शांत करने में मदद करते हैं। हर किसी की अपनी-अपनी प्रक्रिया होती है, लेकिन मेरे जीवन में ये छोटी-छोटी और मौन चीजें सबसे बड़ा फर्क लाती हैं।”

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