बस्तर/नवप्रदेश। Anti Naxal Operation : नक्सलवाद का दंश झेल रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर में नए साल 2023 में अब नक्सलियों से निपटने के लिए नई रणनीति तैयार की जा रही है। इसके लिए खुद प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा ने बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में पुलिस विभाग की स्टेट लेवल की कोआर्डिनेशन बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में बस्तर पर फोकस करते हुए नए साल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करने के अलावा नक्सल विरोधी अभियान में रणनीति बदलने और बस्तर संभाग को जल्द से जल्द नक्सल मुक्त बनाने का भी निर्णय लिया गया।
इस बैठक में प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा के साथ ही सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी के साथ ही बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात अन्य सुरक्षा बलों के आला अधिकारी, आईजी और डीआईजी लेवल के अधिकारियों के साथ ही बस्तर संभाग के सातों जिलों के एसपी (Anti Naxal Operation) मौजूद रहे।
बस्तर जल्द होगा नक्सलवाद मुक्त
छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा करते हुए नए साल में नक्सलियों के खिलाफ चलाएं जाने वाले ऑपरेशन की रणनीति पर सभी अधिकारियों से चर्चा की, बैठक में इंटेलिजेंस विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे, डीजीपी ने कहा कि आने वाले नए साल में नई ऊर्जा के साथ जवान बस्तर के जंगलों में मूमेंट करेंगे और नक्सलवाद को समाप्त करने में एक और कदम बस्तर पुलिस आगे बढ़ाएगी।
वहीं बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि यह बैठक लगभग 5 घंटे तक चली और आने वाले नए साल में नक्सल विरोधी अभियानों को तेज करने और वर्तमान समय में चलाए जा रहे विभिन्न नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा भी की गई, साल 2022 में पुलिस को अपने त्रिवेणी कार्ययोजना विकास विश्वास और सुरक्षा के तहत नक्सल विरोधी अभियान में जितनी सफलता मिली, इसको देखते हुए आगे भी इसी कार्ययोजना पर काम करने की बात उन्होंने कही।
संवेदनशील क्षेत्रों में अधिक नए पुलिस कैंप स्थापित होंगे
इसके अलावा नये साल के लिए इस बैठक में नई रणनीति भी बनाई गई, जिसके तहत पुलिस संवेदनशील इलाकों में ज्यादा से ज्यादा नए पुलिस कैंप स्थापित करने के साथ ही स्थानीय नक्सलियों को सरेंडर करा सके, इस पर भी चर्चा की गई।
इसके अलावा नये साल में ऑपरेशन विकास के तहत कार्य किये जाने की बात कही, बस्तर आईजी का कहना है कि स्टेट पुलिस के साथ ही बस्तर में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल के बीच आपसी समन्वय को लेकर भी इस बैठक में चर्चा हुई, साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ संयुक्त रूप से नक्सल ऑपरेशन चलाने और सीमावर्ती राज्यों के पुलिस के साथ नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक तरीके से ऑपरेशन चलाने और जीरो केजुएल्टी के नक्सलियों से जंग जीता जा सके इस तरह के तमाम रणनीतियों पर चर्चा की गई है।
उन्होंने कहा कि संभाग के सभी गांव को नक्सल मुक्त कर गांव गांव तक विकास कार्य पहुंचाना और यहां के ग्रामीणों तक सभी सुविधा और संसाधन पहुंचाने पुलिस अपने इस नये रणनीति के (Anti Naxal Operation) तहत कार्य करेगी।