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अंतागढ़ टेपकांड मामला : नामदारों की गिरफ्तारी तो दूर वॉयस सेंपल लेना भी कठिन

Antagarh tape case: arrest of Namdars is difficult to take away voice sample

Antagarh tape case

नवप्रदेश संवाददाता

रायपुर। प्रदेश के पहले सियासी जरायम अंतागढ़ टेपकांड मामले (antagarh tape case) में अब तक जांच टीम खाली हाथ है। पूरे मामले के अहम किरदार स्टिंग मास्टर फिरोज सिद्दीकि (Firoz Siddiqui) से पुलिस कुछ उगलवा पाने में नाकाम है।

ऐसे में एसआईटी का आरोपियों से वॉयस सैंपल लेने की कोशिश महज षटरांग साबित होगी। हालाकि इस हाईप्रोफाइल मामले में पुलिस की विशेष जांच टीम कोर्ट से आरोपियों के खिलाफ वॉयस सैंपल लेने की अनुमति चाह रही है। लेकिन, यह भी अहम बिंदु है कि जब पुलिस के हाथ अंतागढ़ के कथित टेप का असली डिवाईस ही नहीं है तो फिर अपराध किस तरह रोपित होगा।

क्योंकि कथित टेपकांड (antagarh tape case) में पुलिस को मामले के मुख्य किरदार फिरोज (Firoz ) और अमीन मेमन से सभी कथित आरोपियों की बातचीत वाला डिवाईस पुलिस जब्त नहीं कर पाई है। फिर पुलिस का महज सतही शिकायतों पर तत्काल प्रथम मुख्यमंत्री और छजकां सुप्रीमो अजीत जोगी, पूर्व विधायक अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के दामाद डॉ.पुनीत गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने से पूरे मामले में ही प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है।

ऐसे कई सवाल हैं जिनके बलबुते सारी जांच और कवायद बिना मूल डिवाईस के बेमानी होगी। पुलिस दूसरी बार फिर बेजा प्रयास कर कोर्ट से कथित आरोपियों के वॉयस सैंपल आदेश लाने की कोशिश में है। अब देखना यह है कि क्या उच्च न्यायालय के समक्ष अंतागढ़ टेपकांड (antagarh tape case) विचाराधीन होते हुए बिना फैसले के न्यायिक मजिस्टे्रट के समक्ष आरोपियों का वॉयस सैंपल लेने पुलिस व्दारा प्रस्तुत आवेदन पर क्या फैसला होता है।

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